ज्ञात हो कि बम्हनीडीह के शासकीय स्कूल के पास निवासरत गज़ालाल डडसेना की संदिग्ध परिस्थितियों में सोमवार की दोपहर मौत हो गई थी घटना के बाद उसके पुत्र राम भगत डडसेना द्वारा परिवार, समाज व पड़ोसियों को बिना सूचना दिए शाम 6.30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसकी सूचना पुलिस को लगी। पुलिस को मामला संदिग्ध लगा क्योंकि हिन्दू परंपरा के अनुसार छत्तीसगढ़ में शाम को मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाता और ना ही शव को टायर, पेट्रोल से जलाया जाता है ।
ड्यूटी के लिए घर से निकले आरक्षक की पांच दिन बाद नहर में मिली लाश, क्षेत्र में फैली सनसनी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मुक्तिधाम पहुंची थी, पुलिस को आता देख अंतिम संस्कार में शामिल चार से पांच लोग भागने लगे, जिसे दौड़ाकर पीछा किया गया, लेकिन चार लोग भाग गए व एक पुलिस के पकड़ में आया जो उसका पुत्र राम भगत डडसेना था। थाने लाकर उससे लंबी पूछताछ की गई। अंत में उसने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गजालाल डडसेना पिता हलधर डडसेना 75 वर्षीय व उसके बेटा राम भगत डडसेना के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। रविवार की रात दोनों पिता पुत्र घर में ही मौजूद थे उनकी बहू व बच्चे अपने मायके गए हुए थे, जो गांव में ही है। रात को लगभग 8.30 बजे पुत्र राम भगत ने अपने पिता की डंडे से वार कर हत्या कर दिया था।
हत्या कर लाश को अपने घर के पीछे खेत में फेंक दिया था रात को तकरीबन 9.30 बजे जब उसकी बहू घर आई तो उसने बावू जी के बारे में पूछा तो पुत्र राम भगत ने जानकारी नहीं होना बताया। कुछ समय बाद उसने अपनी पत्नी को बताया कि उसने पिता की हत्या कर दिया है व लाश को घर के पीछे खेत में फंेक दिया हूं, जिससे उसकी पत्नी घबरा गई व लाश को अंदर लाने की बात कही। लाश को अंदर लाया व जिस तखत पर गजालाल डडसेना आराम करता था उसी तखत में लाश को लेटा दिया गया।
दुकान संचालक ने किसान को नहीं दिया नया सब-मर्सीबल पंप, उपभोक्ता फोरम का मिला आदेश, अब ये भी देना होगा… सोमवार के पूरे दिन तक लाश को घर में ही रखा रहा। सोमवार को शाम होते ही मनगढ़ंत कहानी बनाना चालू कर दिया कि बाबूजी गिर गए हंै, जिससे उनकी मृत्यु हो गई है, ताकि मोहल्ले वालों को लगे कि हकीकत में उसकी मौत गिरने से हुई है। देर शाम चार-पांच लोगो के साथ गजाधर लाल डडसेना की लाश को सिदार घाट के श्मशान घाट ले जाकर उसकी आनन-फानन मे उसका कफन दफन कर दिया।
राम भगत ने अपने पिता की हत्या करने के लिए उपयोग में लाऐ बांस के डंडे व घटना को अंजाम देते समय खुद के पहने हुए रक्त रंजिश कपड़े को घर से बहुत दूर दुर्गा मंदिर के पास मैदान में छिपा दिया था, जिसे पुलिस ने आरोपी के बताये हुए जगह से जब्त कर लिया है। मामले में पुलिस ने हत्या के मामले में धारा 302, 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया है, वहीं आरोपी को न्यायालय के समक्ष पेश किया है।