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NEET Counselling 2025: MBBS काउंसलिंग में भारी गड़बड़ी का आरोप, परिजनों ने कहा- 12 अगस्त की मेरिट लिस्ट में जोड़े गए फर्जी नाम….

NEET Counselling 2025: देश स्तर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए हुई नीट की परीक्षा के बाद काउंसलिंग में कई तरह की खामियां नजर आ रही है। एनटीए व डीएमई की मेरिट सूची में बहुत अंतर है।

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MBBS

एमबीबीएस ( File Photo patrika )

NEET Counselling 2025: देश स्तर में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए हुई नीट की परीक्षा के बाद काउंसलिंग में कई तरह की खामियां नजर आ रही है। एनटीए व डीएमई की मेरिट सूची में बहुत अंतर है। जो गड़बड़ी को इंगित कर रहाहै। लिस्ट में ऐसे अभ्यर्थियों का नाम जोड़ दिया गया है जो जिसका नाम एनटीए की लिस्ट में नहीं है। इससे पात्र छात्रों का चयन नहीं हो पा रहा है। यहां पर बड़ा सवाल यह है कि आखिर एनटीए व डीएमई की लिस्ट में फेरबदल कैसे हो गई।

गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ एमबीबीएस की काउंसलिंग में गड़बड़ी का आरोप लग रहा है। अभ्यर्थियों के परिजनों ने काउंसलिंग प्रक्रिया में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। मौजूदा वर्ष में हुए नीट की परीक्षा में 22261 अभ्यर्थियों की सूची डीएमई रायपुर को सौंपी है। लेकिन 12 अगस्त को जारी मेरिट लिस्ट में ऐसे कई नाम शामिल कर दिए गए हैं जो एनटीए की सूची में थे ही नहीं।

हैरानी की बात यह है कि इन्हें मेडिकल कॉलेज भी अलॉट कर दिया गया है। इस गड़बड़ी के चलते राज्य के सैकड़ों योग्य अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए हैं। परिजनों ने आरोप लगाया है कि यह होनहार छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ है। उन्होंने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। मौजूदा काउंसिलिंग और प्रवेश प्रक्रिया तत्काल स्थगित किया जाए और पात्र अभ्यर्थियों के लिए पुन: सही सूची जारी की जाए।

केस-1. अनुष्का सोनी का नाम एनटीए की लिस्ट में 900 सीरियल नंबर पर है। जब काउंसलिंग की बारी आई तो उसका नाम डीएमई में 1070 नंबर में चढ़ गया। इसके चलते उसका चयन नहीं हो पाया।

केस-2. किशोर कुमार का नाम एनटीए में 207 नंबर पर है। डीएमई लिस्ट में उसका नंबर 238 में डाल दिया गया। इससे उक्त अभ्यर्थी का चयन नहीं हो पाया।

केस-3. इशान गोयल को 533 नंबर मिला है। वहीं डीएमई लिस्ट में इसका नंबर काफी पीछे कर दिया गया। इसके चलते उसका नाम कट हो गया।

एनटीए की लिस्ट मेरिट लिस्ट नहीं है। डीएमई में पात्रता रखने वालों की लिस्ट वाजिब है। छत्तीसगढ़ राज्य में जिन्होंने रजिस्टर्ड किया है और पात्र है व जिन्हांने फीस जमा की है, तभी उनका चयन किया जा रहा है। जिन्हें भी संतुष्टि नहीं है वे हमारे पास आकर सवाल जवाब करे हम सभी को संतोषप्रद जवाब देंगे। - शिखा राजपूत तिवारी, कमिश्नर, डीएमई रायपुर