
जांजगीर-चांपा. जिला मुख्यालय में बीएसएनएल विभाग कर्मचारियों की समस्या से जूझ रहा है। जिला मुख्यालय में एक हजार उपभोक्ताओं के कनेक्शनों की जांच पड़ताल के लिए केवल दो कर्मचारी ही तैनात हैं। बाकी टेक्निशियन संविदा के या जुगाड़ के हैं। यदि ये कर्मचारी अनुपस्थित हुए तो उपभोक्ताओं को भगवान भरोसे रहना पड़ता है। उपभोक्ताओं का टेलीफोन कनेक्शन एवं ब्रांडबैंड सेवा ठप रहता है। पिछले कई सालों से इस पोस्ट में भर्ती नहीं होने से उपभोक्ताओं की फजीहत हो जाती है।
जिला मुख्यालय का बीएसएनएल दफ्तर कर्मचारियों की समस्या से जूझ रहा है। मुख्यालय में एक हजार लैंडलाइन उपभोक्ता हैं। आए दिन कनेक्शन में कई तरह की दिक्कतें आते रहती है। कभी नाली निर्माण के चलते जेसीबी डंक कनेक्शनों को तीतर बीतर कर देता है तो कभी मौसम की मार के चलते सैकड़ों कनेक्शन ठप रहते हैं। उपभोक्ता मामले की शिकायत दफ्तर में जाकर करते हैं, लेकिन उनकी शिकायत इस बात के नाम से धरी की धरी रह जाती है क्यों कि दफ्तर में कर्मचारी नहीं होते। ऐसे में उपभोक्ताओं का टेलीफोन कनेक्शन ठप ही रहता है।
गौर करने वाली बात यह है कि इन एक हजार टेलीफोन कनेक्शनों में 75 प्रतिशत उपभोक्ता ब्राडबैंड सेवा लेते हैं। इन्हें हर पल नेट सेवा लेने की जरूरत रहती है। अधिकतर कनेक्शन विभागीय दफ्तरों में कार्यरत है। टेलीफोन कनेक्शन और नेट कनेक्शन बंद होने से लोगों का काम नहीं हो पाता। इस कारण उन्हें इन सेवाओं के लिए दर दर भटकना पड़ता है।
कभी साइबर सेल में सेवाएं लेनी पड़ती है तो कहीं जुगाड़ से। ऐसे में उपभोक्ताओं को दोहरी मार झेलनी पड़ती है। लोगों को तब अधिक परेशानी होती है जब बार बार शिकायत करने के बाद भी उनका कनेक्शन ठीक नहीं हो पाता। शहर के एक हजार कनेक्शनों की मरम्मत के लिए केवल दो कर्मचारी ही तैनात रहते हैं। इन दो कर्मचारियों में एक कर्मचारी उम्रदराज हो चुका है। उनकी आंखे भी कम दिखाई देती है। ऐसे में एक कर्मचारी के पीछे पूरा विभाग निर्भर है। इसके कारण उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
परेशानियां कम होने की बजाय बढ़ते कदम पर है।
बारिश के दिनों में होगी फिर दिक्कत
जब सामान्य दिनों में विभाग में शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है तो आने वाले बरसात के दिनों में क्या दिक्कत होगी सहज की अंदाजा लगाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जहां तक हो सकेगा कनेक्शन ठीक करेंगे। नहीं तो सर्विस भगवान भरोसे रहेगा। ज्ञात हो कि लाईटनिंग से बारिश के दिनों में अधिक परेशानी होती है। चंद कर्मचारी फील्ड में होते हैं। भागदौड़ अधिक होने से कर्मचारी भी झल्लाते रहते हैं।
विभाग में मैदानी स्तर के कर्मचारियों की बेहद कमी है। इससे काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। निर्माण कार्य के दौरान आए दिन फाल्ट आते रहते हैं। जिससे दिक्कतें बढ़ जाती है- भारत भूषण, एसडीओटी बीएसएनएल, जांजगीर
Published on:
13 May 2018 07:37 pm
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