
इस तरह की स्थिति एक दिन नहीं बल्कि कई दिन निर्मित
जांजगीर-चांपा. बम्हनीडीह ब्लाक के प्राइमरी स्कूल भवरेली एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा है। एक शिक्षक की ड्यूटी यदि कहीं अन्यत्र लगा दी जाती है तब स्कूल में ताला लटकता है।
इस तरह की स्थिति एक दिन नहीं बल्कि कई दिन निर्मित होती है। ऐसे स्कूली बच्चों को शिक्षा से मोहभंग हो रहा है। ग्रामीण यहां शिक्षक की व्यवस्था की मांग करते थम चुके, लेकिन शिक्षा अधिकारी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहे हैं। इसके चलते शिक्षा का स्तर दिन ब दिन गिर रहा है। वहीं स्कूली बच्चे निजी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं।
एक ओर सरकार शिक्षा गुणवत्ता अभियान चलाकर शिक्षा का स्तर सुधारने की बात करती है तो वहीं दूसरी ओर स्कूलों में शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। जहां जो शिक्षक पदस्थ हैं उन्हें ले -देकर मन मुताबिक स्थानों में अटेच कर दिया जा रहा है। ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता अभियान की हवा निकलते दिखाई दे रही है। कुछ इसी तरह की कहानी प्राइमरी स्कूल भवरेली की है। जहां हाल ही में यहां दो शिक्षक छोटे लाल श्रीवास और चंद्रकला धीवर पदस्थ थे।
बीईओ ने चंद्रकला धीवर को कहीं अन्यत्र अटेच कर दिया। इसके कारण यहां कई माह से स्कूल एकल शिक्षकीय हो गया है। एक शिक्षक के भरोसे स्कूल होने से जो शिक्षक पदस्थ है वह सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने असमर्थ साबित होता है। स्कूल का डाक बनाए या पांच-पांच क्लास के बच्चों की क्लास ले। मन लगता है तब वह स्कूल में एकाध क्लास ले लेता है। इसके बाद बच्चों को खुद के भरोसे छोड़कर डाक बनाने में जुट जाता है।
ऐसी स्थिति में स्कूल के बच्चे भगवान भरोसे हो जाते हैं। स्कूल की पांच क्लास में तकरीबन तीन दर्जन बच्चे सुबह स्कूल पहुंचते हैं। इसके बाद मध्यान्ह भोजन करने के बाद शाम तक बिना पढ़े बस्ता लेकर चलते बनते हैं। स्कूली छात्रों ने बताया कि उनके क्लास में शिक्षक कभी पढ़ाई कराने पहुंचते नहीं है। वे खुद के बल पर जैसे तैसे पढ़ाई करते हैं। इसके बाद घर चले जाते हैं। ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता अभियान की हवा हवाई होना स्वाभाविक है।
ग्रामीणों ने लगाया लेन देन कर अटेच करने का आरोप
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जिला महामंत्री व जल उपभोक्ता संस्था के अध्यक्ष भूपेंद्र दुबे ने बीईओ पर आरोप लगाया कि वे शिक्षकों से 10-10 हजार रुपए लेकर अन्यत्र अटेच करने का काम करते हैं। कोई भी शिक्षक यदि अपने मन मुताबिक स्कूल में जाना चाहता है तो आसान है। कुछ इसी तरह का खेल बम्हनीडीह ब्लाक में काफी अर्से से चल रहा है। भूपेंद्र दुबे ने आरोप लगाया है कि बीईओ केके बंजारे यहां पहले पदस्थ शिक्षिका चंद्रकला धीवर से 10 हजार रुपए लेकर अन्यत्र अटेच कर दिया है। हालांकि अभी चंद्रकला धीवर वर्तमान में मातृत्व अवकाश पर है, लेकिन इससे पहले कई बार वह अन्यत्र अटेच हो चुकी है।
-प्राइमरी स्कूल में मैं अकेले शिक्षक हूं। शिक्षिका चंद्रकला धीवर पहले पदस्थ थी वह मातृत्व अवकाश पर चली गई है। अकेले स्कूल संभालना कठिन काम हो जाता है।
-छोटेलाल श्रीवास, हेडमास्टर, प्रा. स्कूल भवरेली
Published on:
26 Sept 2018 07:13 pm
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