26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

उम्र 61 साल… लेकिन सरपट चढ़ जाते हैं पेड़ों और पहाड़ों पर, गुफा में रहकर भी बोलते हैं फर्राटेदार अंग्रेजी

Ajab Gajab: घरे जंगल के कंदराओं में आदिम शैली में रह रहा इंजीनियर फुलजेंस एक्का, उम्र के इस पड़ाव में उनकी फुर्ती देख हर कोई रह जाता है चकित, विदेशों (Foreign) में जाने की थी तैयारी लेकिन महानगरों की चकाचौंध छोड़ रह रहे प्रकृति के बीच

less than 1 minute read
Google source verification
Ajab-Gajab news

Fuljens Ekka

जशपुरनगर. Ajab Gajab: छत्तीसगढ़ में जशपुर के घने जंगलों में 61 वर्षीय फुलजेन्स एक्का आदिम जीवनशैली में रह रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव में उनका सरपट पेड़ पर चढऩा और पहाड़ी रास्तों पर चढऩा देखकर कोई भी चकित हो सकता है। पहाड़ों की कंदराओं में बिना किसी भौतिक सुख-सुविधा के रहकर वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। उन्होंने रायपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंग्लिश स्पोकन कोर्स का कोचिंग इंस्टीटयूट चलाया। विदेश जाने की तैयारी कर ली, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि महानगरों की चकाचौंध छोड़ प्रकृति के बीच रहने लगे।


संन्यासी के संपर्क में आते ही आया बदलाव
बकौल एक्का, चार साल तक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर मैं अहमदाबाद चला गया, जहां इंग्लिश स्पोकन कोर्स का कोचिंग इंस्टीटयूट चलाने लगा। वहीं मेरी मुलाकात नाथ संप्रदाय के एक गुरु से हुई, जिन्हें अंग्रेजी सिखाने वाले की जरूरत थी। बस, यही वह वक्त था, जब मैं बाबानाथ बन गया।

पांच साल पहले जब अहमदाबाद से अपने घर जशपुर आया तो मैंने प्रकृति के बीच असीम शांति और ऊर्जा को महसूस किया। इसके बाद गुफा को अपना आशियाना बना लिया तथा जल, जंगल और जमीन के संरक्षण व संवर्धन में लग गया।

यह भी पढ़ें: विधायक पत्नी के लिए पति का आखिरी पोस्ट- सुशांत सिंह राजपूत का किया जिक्र, लिखा- मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं....


सात्विक जीवन से संभव
सात्विक और पौष्टिक भोजन, नियमित परिश्रम के साथ अभ्यास और दृढ़ इच्छा शक्ति से ऐसा संभव है। एक्का इस उम्र में भी फिजिकल रूप से चुस्त-दुरुस्त हैं। लगातार शारीरिक श्रम से उन्होंने अपने शरीर को साध लिया है।
डॉ. डीके अग्रवाल, जिला चिकित्सालय, जशपुर