गौरतलब है कि बैकुंठपुर विधायक अंबिका सिंहदेव के पति ने 1 फरवरी को कोलकाता से तथा 2 फरवरी को लंदन से फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए पत्नी के लिए लिखा था कि वे सक्रिय राजनीति छोड़ दें या इस्तीफा दे दें। लगातार 2 दिन तक पोस्ट के बाद विधायक अंबिका सिंहदेव ने मीडिया के सामने बयान जारी किया था।
#मुझे कुछ कहना है- 5, लास्ट व फाइनल पोस्ट लिखा था मंडे 6 फरवरी को आखिरी पोस्ट करूंगा
क्षमा करना थक गया हूं साहब, एक दिन पहले ही अंत कर रहा हूं यह पोस्ट का सिलसिला-
आप जब ऐसा कुछ देखे नहीं तो मैं कहां किया हूं ??
जिंदगी से भाग के जाओगे कहां…..
अब मतलब पर –
मैं क्यों चाहता हूं कि अंबिका जी राजनीति छोड़ दें?
छोटा सा उत्तर है- “राजनीति नही गंदी राजनीति”
आपको दिखाई नहीं देता ??
देता है, पर आप कहोगे ‘ राजनीति तो ऐसा ही होता है ‘
सही बात है, इसीलिए तो मैं कभी नहीं चाहा के मेरी पत्नी राजनीति में आए या रहें। आप अपनी पत्नी को छोड़ दोगे इस राजनीति के मैदान में? नहीं न, तो हमसे यह उम्मीद क्यों रखते हो साहब?
आप में से बहुत लोग मुझे पहले से जानते है कुछ पीछे दो साल से।
एक भी तो आगे होकर हमसे बोले नही कि ‘ आप उन्हें समझाएं कि इस सियासी मैदान से बहार आ जायें ‘
उल्टा आप अपने स्वार्थ और मतलब से अंबिका जी का साथ दिये
क्यों, अंबिकाजी विधवा हंै, मैं मर गया हूं – डाइवोर्सी हंै- मैं छोड़ के भाग आया हूं?
अंबिका जी के साथ मेरा नाम हर जगह पर जुड़ा है, यहां तक कि उनके सरकारी बंगले के हर एक बिल्स पर, आपका नहीं।
माँ रमदइया से प्रार्थना कर रहा हूं कि जो-जो इस अपराध से जुड़े हैं सबका संसार ऐसे ही उजड़े। पूरा नामों का लिस्ट मैं मां के चरणों में रख के आया हूं। इंसाफ वो करेंगीं। जब आप पर बितेगी तब आपको समझ में आएगा, हम पर क्या गुजरा।
कर दिया न मैं- ‘हादसा’ अब फैसला अंबिका जी को लेना है- “या तो वो राजनीति चुने या मुझे’’
ऑप्शन दे दिया, ऑप्शन वे लें, साक्षी आप।
वो जो भी फैसला लेंगीं, मुझे स्वीकार है। एक शब्द भी और नहीं लिखूंगा इस विषय में-
चलते चलते सिर्फ आखिरी दो लाइन –
‘मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं
जिद होती तो कहीं का नहीं रहती।’