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कद्दावर नेता मदन भैया और राकेश टिकैत के बीच हुई गुप्त मुलाकात, पंचायत चुनाव से पहले गर्मायी सियासत दरअसल, यह मामला जौनपुर जिले के महाराजगंज ब्लॉक की भरथरी ग्राम पंचायत का है। जहां के रहने वाले दलई राम एक वर्ष से ग्राम प्रधान पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। जब आरक्षण की सूची जारी की गई तो उसमें भरथरी ग्राम प्रधान का पद अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया। इसके बाद दलईराम ने फैसला किया कि अब वह अपनी पत्नी प्रेमा देवी को चुनाव मैदान में उतारेगा। इसके लिए उसने पूरे गांव को बैनर-पोस्टर से पाट दिया था और घर-घर जाकर चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया था।
रोते हुए बोला- साहब टूट जाएगा वर्षों पुराना सपना दलई राम ने अपनी पत्नी का जाति प्रमाणपत्र और नोड्यूज सर्टिफिकेट बनवाने के साथ ही नामांकन पत्र भी खरीद लिया था। इसके बाद वह जरूरी दस्तावेज एकत्रित कर रहा था। इसी बीच उसने देखा कि पत्नी प्रेमा देवी का नाम मतदाता सूची से गायब है। यह देखते ही पति-पत्नी के पैरों तले जैसे जमीन ही न रही। इसके बाद वह गुरुवार को बदलापुर तहसील पहुंचा और एसडीएम को प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार में वह अब तक 20 हजार रुपए से अधिक खर्च कर चुका है। यह कहते ही उसकी आंखें भर आईं और वह फफक-फफककर रोने लगा। उसने एसडीएम से कहा कि साहब अगर पत्नी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया तो उसका वर्षों पुराना सपना टूट जाएगा।
जांच के बाद होगी कार्रवाई इस संबंध में एसडीएम कौशलेश कुमार मिश्र का कहना है कि भरथरी गांव की रहने वाली प्रेमा देवी का नाम मतदाता सूची में नहीं है। उसका नाम सूची से कैसे कटा इसके लिए बीएलओ से जवाब तलब किया गया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पीड़ित को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का भरोसा है।