must read : 30 सितंबर तक भर दीजिए जलकर, 1 अक्टूबर से नगर निगम लगाएगा सरचार्ज चुनाव की तारीखों का एेलान होते ही एक नया बाजार सज कर तैयार हो चुका है। अनुमान है कि झाबुआ विधानसभा क्षेत्र से लगे गांवों में कुछ दिनों में मोटी रकम बाजार में आएगी। यूं तो आयोग ने प्रति उम्मीदवार 28 लाख रुपए की खर्च सीमा तय कर रखी है, लेकिन असल स्थिति इससे उलट है। प्रत्याशियों से लेकर पार्टियों तक बेहिसाब पैसा बहाती है।
must read : घर की बिजली हुई गुल तो अब तुरंत दौड़ा चला आएगा ये रिक्शा एक-एक प्रत्याशी के हिसाब से ही 56 लाख होती है राशि झाबुआ विधानसभा में होने वाले उप चुनाव में प्रमुख दल कांग्रेस व भाजपा से एक-एक उम्मीदवार खड़ा होगा। यदि प्रत्येक प्रत्याशी के हिसाब से 28 लाख रुपए का खर्च देखा जाए तो ही यह रकम 56 लाख रुपए होती है। इसमें भी कुछ उम्मीदवार ऐसे रहेंगे जो तय रकम से ज्यादा खर्च करेंगे।
कई लोगों को मिल जाएगा मौसमी रोजगार चुनाव में बड़े पैमाने पर खाने के कारोबार से जुड़े हलवाई, मजदूर, ट्रांसपोर्टर, बैनर-पोस्टर, होर्डिंग बनाने वाले, टेंट-लाइट, साउंड, आईटी आदि क्षेत्रों से जुड़े लोग अभी सक्रिय हो गए हैं। इन सभी को कुछ न कुछ काम मिलना तय है। एक प्रत्याशी कम से कम 200 लोगों को किसी न किसी रूप में रोजगार देता ही है।
ऐसे खर्च होती है बेहिसाब रकम शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों के लिए आचरण संहिता आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। इसके मद्देनजर आयोग के निर्देशों के मुताबिक जिले के शासकीय, अद्र्धशासकीय कार्यालय और संस्थानों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। निर्देशानुसार शासकीय अधिकारी, कर्मचारी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिसमें किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थियों के नीतियों और कार्यक्रम का गुणगान सम्मिलित हो।
must read : ‘पाकिस्तान से परिवार के साथ आ जाओ, भारत में आपका स्वागत है’ शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक दलों द्वारा आयोजित जुलूस, सभा मे सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा पाए जाने पर आदर्श आचरण का उल्लंघन होगा। अधिकारी-कर्मचारी को किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार-प्रसार नही करना चाहिए। अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा अभ्यथियों के कैम्पों मे खाद्य पदार्थ का वितरण नहीं किया जाना चाहिए।