
झालावाड़ किसानों का महापड़ाव (फोटो: पत्रिका)
Jhalawar Kisan Andolan Update: अपनी सोलह सूत्री मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले जिलेभर से आए हजारों किसानों ने सोमवार को झालावाड़ में मिनी सचिवालय के बाहर महापड़ाव शुरू कर दिया। इससे पहले निजी साधनों से झालावाड़ आए सभी किसान शहर में खंडिया चौराहे पर एकत्र हुए।
यहां से वे ट्रैक्टर ट्रॉली, जीप, बस और बैलगाड़ी में बैठकर हम अपना हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगे, अभी तो ली अंगडाई है, आगे और लड़ाई जैसे नारों के साथ रैली के रूप में मिनी सचिवालय पहुंचे। शाम चार बजे राज्य सरकार के जनप्रतिनिधि या अधिकारी द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं देने पर महापड़ाव शुरू कर दिया।
किसान नेताओं ने घोषणा की कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार का सकारात्मक जवाब नहीं देगी,तब तक महापड़ाव जारी रहेगा। किसानों ने सभा स्थल पर ही दाल,बाटी, पुड़ी-सब्जी बनाकर खाई। इससे पूर्व सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसाय रेड्डी ने कहा कि किसानों के पास सरकार का प्रतिनिधिमंडल आकर जब तक आश्वासन नहीं देगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मैं भी तब तक धरना स्थल पर ही रहूंगा।
उन्होंने कहा कि किसानों की कई समस्याएं है, बारिश के कारण किसानों की पूरी फसलें बर्बाद हो गई, उसकी भरपाई होना चाहिए। फसल बीमा किसानों के साथ धोखा है,राजस्थान में बिजली की समस्या बहुत ज्यादा है, इसे कम किया जाए। आन्ध्रप्रदेश में बिजली कनेक्शन रेट कम है, किसानों को पूरे दिन बिजली मिलती है,फसल बीमा योजना ठीक से लागू करें। सरकार यह नहीं सोचे कि ये कुछ नहीं कर सकते। समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत करें।
अखिल भारतीय जनजाति क्षेत्र प्रमुख मणीराम लबाना ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को कुछ समझती नहीं है। हम ज्ञापन देते हैं तो वह उसे कागज का टुकड़ा समझ रख लेती है, लेकिन अब हम आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। अखिल भारतीय सीमांत क्षेत्र प्रमुख कैलाश गंदोलिया ने कहा कि राजस्थान सरकार बिजली का निजीकरण कर रही है जो किसान हित में नहीं है। सरकार ने बिजली का निजीकरण और स्मार्ट मीटर बंद नहीं किया तो भारतीय किसान संघ इसका विरोध करेगा।
संघ के प्रदेश महामंत्री तुलसाराम सीवर ने कहा कि मिनी सचिवालय पर लगातार किसान नेताओं का समस्याओं को लेकर संबोधन चलता रहा लेकिन किसानों से बातचीत के लिए प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई। यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है।प्रशासन यह समझ रहा है कि हर बार किसान आता है और ज्ञापन देखकर चला जाता है लेकिन अब किसान यहीं धरना देकर रोड पर दाल बाटी बना रहे है।
प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने कहा कि किसानों की कई प्रकार की समस्याएं है। हर बार ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराते है लेकिन सरकारें किसानों के भले के लिए कोई योजना नहीं बना रही। सभा में प्रांत महामंत्री अंबालाल प्रदेश मंत्री रघुनाथ सिंह प्रगतिशील किसान हुकुमचंद पाटीदार संगठन मंत्री परमानंद प्रदेश महिला प्रमुख मूर्ति जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर भी मौजूद रहे।
रात करीब नौ बजे जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ किसानों से वार्ता के लिए महापड़ाव स्थल पर पहुंचे, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनसे वार्ता करने से इनकार कर दिया। वे कृषि मंत्री या सचिव स्तर के अधिकारी से वार्ता करने की बात पर अड़े रहे। ऐसे में जिला कलक्टर वापिस लौट गए। किसान संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर ने बताया कि जब तक राज्य सरकार का सचिव स्तर का अधिकारी या मंत्री आकर वार्ता नहीं करता है, जब तक महापड़ाव जारी रहेगा।
भारतीय किसान संघ की प्रमुख मांगों में फसल का लाभकारी मूल्य, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को किसान हितेषी बनाया जाएं, दूध का किसानों को सही दाम मिले, बिजली का निजीकरण रोका जाएं, किसान कल्याण कोष की स्थापना, कृषि क्षेत्र से जीएसटी समाप्त किया जाएं, विधायक अपनी विधानसभा में किसानों से संवाद करें, कृषि मंडी में एमएसपी से नीचे बोली नहीं लगे, किसानों के लिए संसद में विशेष सत्र का आयोजन करने सहित कई जिला, राज्य व राष्ट्रीयस्तर की मांगों को लेकर किसानों ने महापड़ाव शुरू कर दिया।
रैली की एक माह से तैयारी में जुटे किसान संघ के जिलाध्यक्ष राधेश्याम गुर्जर को एक सप्ताह से बुखार है। हाथों में केनूला लगा हुआ है। लगातार सुबह से रैली की व्यवस्थाएं संभाल रहे थे, मंच संचालन के दौरान तबीयत खराब हुई तो तुरंत मौके पर डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाए। वहीं प्रदेशमहामंत्री रघुनाथ सिंह के हाथ में फैक्चर होने के बाद भी मंच पर नजर आए। वहीं एक अन्य किसान को जोरदार बुखार था, फिर भी अपने हक के लिए मिनी सचिवालय में डटे रहे।
Published on:
09 Sept 2025 01:29 pm
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