scriptट्रेनिंग के बाद पक्की होगी 6 हजार कांस्टेबलों की पदोन्नति | After training 6 will be confirmed Promotion of thousand constables | Patrika News

ट्रेनिंग के बाद पक्की होगी 6 हजार कांस्टेबलों की पदोन्नति

locationझालावाड़Published: Dec 18, 2018 03:28:54 pm

Submitted by:

arun tripathi

पुलिस मुख्यालय की कार्यशैली में बदलाव

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पुलिस मुख्यालय की कार्यशैली में बदलाव

झालावाड़. राजस्थान में सरकार बदलने के बाद ही पुलिस मुख्यालय की कार्यशैली में भी बदलाव आ गया है। वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति पाने वाले कांस्टेबलों को अब ट्रेनिंग करना अनिवार्य होगा। पुलिस मुख्यालय ने पदोन्नति पाने वाले हैड कांस्टेबल के प्रशिक्षण के आदेश जारी कर दिए,जबकि पूर्व में प्रशिक्षण की अनिवार्यता हटा दी गई थी। अब झालावाड़ जिले के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में राजस्थान के आठ जिलों के कांस्टेबल को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके आदेश हाल ही में सहायक महानिरीक्षण ने जारी कर दिए है। यह प्रशिक्षण 24 दिसम्बर से शुरू होगा।
सहायक महानिरीक्षण (पुलिस प्रशिक्षण जयपुर) जयनारायण ने वर्ष 2018-19 के लिए राज्य सरकार की ओर से नवसृजित हैड कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के पद पर स्क्रीनिंग पद्धति से पदोन्नत हुए पुलिसकर्मियों की पीसीसी के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूल खैरवाड़ा आवंटित किया है, यहां प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, राजसमंद, चितौडगढ़़, अजमेर, जयपुर, जोधपुर, जीआरपी के 221 जवान प्रशिक्षण ले सकेंगे। वहीं पुलिस ट्रेनिंग स्कूल झालरापाटन झालावाड़ में कोटा, ग्रामीण, शहर, बूंदी, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक और सवाई माधोपुर के 305 जवान प्रशिक्षण लेंगे।
वसुंधरा ने दी थी फीत
भाजपा सरकार ने अप्रेल 2018 में प्रदेश में वरिष्ठता सूची जारी की थी। जिला स्तर पर जारी सूची के आधार पर स्क्रीनिंग कमेटी ने 11 सितम्बर को प्रदेश भर के करीब 6 हजार जवानों को सिपाही से हैड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत किया था। इन्हें 19 सितम्बर को जयपुर में आयोजित एक समारोह में पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने फीत दी थी। राज्यभर में हालांकि कई जवानों ने वरिष्ठता के आधार पर दी गई पदोन्नति को भी ठुकरा दिया है। तो पुलिस मुख्यालय ने पदोन्नति छोडऩे के प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में पदोन्नति छोडऩे वालों को आगामी दो साल तक पदोन्नति प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा।
उम्रदराजों को राहत
स्क्रीनिंग पद्धति से वरिष्ठता के आधार पर पहली बार पदोन्नति पाने वाले 55 साल से अधिक उम्र के जवानों को प्रशिक्षण से मुक्त रखा गया है। चार सप्ताह का प्रशिक्षण 24 दिसम्बर 2018 से शुरू होगा। जो एक माह (अधिकतम चार सप्ताह) तक चलेगा।पूर्व में हैड कांस्टेबल पद के लिए डेढ़ माह। (45दिन तक) का प्रशिक्षण लेना अनिवार्य था।
–हां इनको तमगा पहले दे दिया गया है, लेकिन अब सभी को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आशाराम चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, झालावाड़

गंभीर रोगियों को तुरंत मिलेगा
बड़े अस्पतालों में इलाज
झालावाड़. राजकीय चिकित्सालय में आने वाले रेागियों को गंभीर अवस्था में बड़े शहरों में रैफर करने पर अब एयर एम्बुलेंस भी उपलब्ध हो सकेगी। राजकीय हीरा कुंवर महिला चिकित्सालय के तृतीय तल पर 3 हजार 975 वर्ग मीटर क्षेत्र में इन दिनों 848 लाख की लागत से स्पेशल वार्ड व इसकी छत पर हेलीपेड का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। हालांकि इसका निर्माण 31 अगस्त 2018 को पूरा करना था। देरी के लिए विभाग की ओर से संवेदक पर जुर्माने की प्रक्रिया की जा रही है। अब नए साल में मई या जून तक यह पूरी तरह तैयार कर लिया जाएगा।
नीचे होगा स्पेशल वार्ड
चिकित्सालय में तृतीय तल पर पूरे वातानुकूलित तीन ब्लाक बनाए जा रहे हैं। इसमें 22 पलंगों को एक आईसीयू वार्ड, 23 पलंगों का एक सेमी आईसीयू वार्ड, 15 पलंगों का एक सेमी पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, डाक्टर ड्यूटी रुम, डेमो रूम, 224 विद्यार्थियों की क्षमता वाला एक लेक्चर थियटर आदि का निर्माण किया जा रहा है। इसमें गम्भीर रोगी को भर्ती किया जाएगा ताकि आवश्यकता पडऩे पर तुरंत हवाई सेवा के लिए हेलीपेड उपलब्ध हो सके। इसमें मरीज सीधे लिफ्ट के माध्यम से छत पर पहुंच सकेगा। इसकी छत पर एक पार्ट में हेलीपेड बनाया जा रहा है।
–हेलीपेड बनने से एयर एम्बुलेंस की तुरंत उपलब्धता होने से गम्भीर रोगियों की समय पर उपचार मिलने से जान बचाई जा सकेगी।
डॉ. आरके आसेरी, डीन, झालावाड़ मेडिकल कॉलेज
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