सुरक्षित प्रसव नही आसान
ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अभाव में सुरक्षित प्रसव मुश्किल हो रहा है। इसके चलते दूर दराज के इलाकों से प्रसूताओं को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। वहां क्षमता से भी अधिक प्रसूताएं भर्ती रहती है।
निजी अस्पतालों की चंादी
सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों के चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुचंकर मुंह मांगे रुपए व पैकेज सिस्टम में इलाज कराना पड़ रहा है। जिससे निजी अस्पतालों की चांदी हो रही है।
135 किमी जाना है मजबूरी
चौमहला निवासी सपना अग्रवाल ने बताया की चिकित्सकों की कमी के चलते प्रसूता महिला को मजबूर होकर इलाज कराने के लिए चौमहला से 135 किलोमीटर की दूरी तय करके झालावाड़ जाना पड़ रहा है जिससे कई बार प्रसूताओं का रास्ते में ही प्रसव हो जाता है। कई बार प्रसूता को कई परेशानियां झेलनी पड़ती है। या फिर यहां से सटे मध्यप्रदेश के मंदसौर व रतलाम आदि में अपना इलाज कराना पड़ रहा है।
सप्ताह में दो दिन हो रही है सोनोग्राफी
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाखों रूपए की सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद स्थाई रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण सप्ताह में दो ही दिन सोनोग्राफी होती है। महिलाओं को निजी चिकित्सालय में जाकर 700से 800 रूपए में सोनोग्राफी करवाने की मजबूरी है।
–रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाएंगे। प्रत्येक सोमवार को एनएचआर के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सक लिए जा रहे है।
साजिद खान, जिला एवं स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, झालावाड़
ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अभाव में सुरक्षित प्रसव मुश्किल हो रहा है। इसके चलते दूर दराज के इलाकों से प्रसूताओं को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। वहां क्षमता से भी अधिक प्रसूताएं भर्ती रहती है।
निजी अस्पतालों की चंादी
सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों के चलते मरीजों को निजी अस्पतालों में पहुचंकर मुंह मांगे रुपए व पैकेज सिस्टम में इलाज कराना पड़ रहा है। जिससे निजी अस्पतालों की चांदी हो रही है।
135 किमी जाना है मजबूरी
चौमहला निवासी सपना अग्रवाल ने बताया की चिकित्सकों की कमी के चलते प्रसूता महिला को मजबूर होकर इलाज कराने के लिए चौमहला से 135 किलोमीटर की दूरी तय करके झालावाड़ जाना पड़ रहा है जिससे कई बार प्रसूताओं का रास्ते में ही प्रसव हो जाता है। कई बार प्रसूता को कई परेशानियां झेलनी पड़ती है। या फिर यहां से सटे मध्यप्रदेश के मंदसौर व रतलाम आदि में अपना इलाज कराना पड़ रहा है।
सप्ताह में दो दिन हो रही है सोनोग्राफी
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर लाखों रूपए की सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद स्थाई रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण सप्ताह में दो ही दिन सोनोग्राफी होती है। महिलाओं को निजी चिकित्सालय में जाकर 700से 800 रूपए में सोनोग्राफी करवाने की मजबूरी है।
–रिक्त पदों को शीघ्र भरे जाएंगे। प्रत्येक सोमवार को एनएचआर के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सक लिए जा रहे है।
साजिद खान, जिला एवं स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी, झालावाड़
तीन सौ मरीजों को परामर्श
पिड़ावा. नगर में रविवार को कोटड़ी बायपास पर जील एज्यूकेशनल वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में तीन सौ मरीज लाभान्वित हुए। सोसायटी के सचिव शाहिद मोहम्मद ने बताया कि आदिल खान की स्मृति में आयोजित शिविर का शुभारंभ न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक पालीवाल ने किया। शुभारंभ में पालिकाध्यक्ष निर्मल शर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष सगीर अहमद, दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष एडवोकेट शेलेन्द्र जैन, समाजसेवी बद्रीलाल शर्मा, नगर कांग्रेस अध्यक्ष नसरुद्दीन खान, पालिकाउपाध्यक्ष प्रमोद जैन, युंका प्रदेश सचिव मासूम अहमद सहवरित पार्षद अशफाक मोहम्मद आदि मौजूद थे। शिविर में नेत्र व नाक, कान, गला रोग के करीब 300 मरीजो की जांच की। इसमें आनदपुर के डॉ.श्रीकांत थापक ने 200 मरीजो की जांच की इनमे से मोतियाबिंद से ग्रसित 75 मरीजो का ऑपरेशन के लिए चयन किया। इनका आनंदपुर व कोटा के महावीर ईएनटी चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. मुकेश ने नाक,कान, गला रोग से ग्रस्त 100 मरीजो की जांच की जिनमे से 15 गंभीर मरीजों का ऑपरेशन के लिए चयन किया।इस मौके पर दिलीप शर्मा, फरीद अहमद, अजहरुद्दीन, दिनेश राठौर, अक्षय जैन, साजिद खान, शादाब खान, शुभम सेन सहित कई लोग मौजूद थे। संचालन यूसुफ रईस ने किया।