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Chandrabhaga Karthik Mela 2025: हाड़ौती और मालवा की संस्कृति में रचा-बसा ऐतिहासिक और धार्मिक झालरापाटन नगर, जिसे सिटी ऑफ बेल्स के नाम से भी जाना जाता है, पर्यटन की दृष्टि से किसी हीरे से कम नहीं है। यहां के प्राचीन मंदिर, मनमोहक नदी-तालाब और प्राकृतिक सौंदर्य आने वालों को सुखद अनुभव कराते हैं।
हर वर्ष लगने वाला चंद्रभागा कार्तिक मेला राजस्थान के विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के दूरदराज इलाकों से आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां घूमने के लिए कई दर्शनीय स्थल हैं जो यात्रा को यादगार बना देते हैं।
हाड़ौती में गंगा के समान पूजनीय मोक्षदायिनी चंद्रभागा नदी सदानीरा है। लोग यहां पवित्र स्नान के साथ धार्मिक क्रियाकर्म करने आते हैं। नदी तट पर स्थित चंद्रमौलेश्वर मंदिर, भूतेश्वर मंदिर और पशुपतिनाथ मंदिर धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र हैं।
झालरापाटन अपनी स्थापत्य कला और मूर्ति शिल्प के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान रखता है। नगर में सूर्य मंदिर, शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, श्रीमन नारायण मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, गिन्दोर दरवाजा के बाहर स्थित कल्याण राय मंदिर, नौलखा किले के भीतर आनंद धाम मंदिर और दिगंबर जैन पार्श्वगिरी जूनी नसिया मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। नगर में लगभग 108 मंदिर विद्यमान हैं, जिनकी मूर्तियां और स्थापत्य कला देखते ही बनती है।
नगर की जीवन रेखा कहे जाने वाले गोमती सागर तालाब के किनारे स्थित हर्बल गार्डन, वॉकिंग ट्रैक और चौपाटी सैलानियों के लिए विश्राम और मनोरंजन का सुंदर स्थल हैं।
राजस्थान के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक चंद्रभागा कार्तिक मेला ऊंट दौड़, लंबी मूंछ प्रतियोगिता, रंगोली, मेहंदी, साफा बंधन, रस्साकसी और सतोलिया जैसी प्रतियोगिताओं के लिए प्रसिद्ध है। विदेशी सैलानी भी इसमें भाग लेते हैं। तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
मेले में ऊनी कपड़ों का बाजार सबसे बड़ा आकर्षण रहता है। यहां हर वर्ग के लिए सर्दियों के ऊनी वस्त्र, पेंट-शर्ट, जींस और दैनिक उपयोग की वस्तुएं रियायती दरों पर मिलती हैं। साथ ही घरेलू जरूरत की सभी चीजें भी उपलब्ध रहती हैं।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए मेले में मनोरंजन के अनेक साधन मौजूद हैं। खाने-पीने के शौकीनों के लिए फास्ट फूड से लेकर पारंपरिक व्यंजनों तक की भरपूर व्यवस्था रहती है। दर्शक यहां के स्वाद का खूब लुत्फ उठाते हैं।
Updated on:
13 Nov 2025 03:04 pm
Published on:
13 Nov 2025 03:03 pm
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