सैंकड़ों ट्रकों के पहिए थमें, ट्रांसपोर्ट पर पस
झालावाड़Published: Jul 20, 2018 05:55:04 pm
-ट्रक वालों की देशव्यापी हड़ताल शुरु
सैंकड़ों ट्रकों के पहिए थमें, ट्रांसपोर्ट पर पस
सैंकड़ों ट्रकों के पहिए थमें, ट्रांसपोर्ट पर पसरा सन्नाटा
-ट्रक वालों की देशव्यापी हड़ताल शुरु
-जितेंद्र जैकी-
झालावाड़. ऑल इंडिय़ा मोटर ट्रांसपोर्ट कंाग्रेस की ओर से डीजल की बढ़ती दर, टोल मुक्त, टीडीएस, डीपीटी योजना व नेशनल परमिट आदि कई समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर शुक्रवार से देशव्यापी हड़ताल शुरु हुई। इस दौरान जिले में भी सैंकड़ो ट्रकों के पहिए जाम हो गए व दोपहर बाद ट्रांसपोर्ट कम्पनियों पर भी सन्नाटा पसर गया। इससे धंघा ठप होने से सैंकड़ो मजदूर व अन्य कर्मचारियों के सामने भी रोजीरोटी का संकट शुरु हो गया। ट्रकों से माल उतारने व चढ़ाने आदि कार्य के लिए बड़ी संख्या में मजदूर लगे रहते है। ट्रको के माध्यम से ही आम जरुरत का माल जिले में आता है। अगर समय रहते माल नही पहुंचा तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
-दोपहर बाद से ठप हुआ काम
परचून ट्रांसपोर्ट ऐसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर पाटनी ने बताया कि जिले में करीब 200 से ज्यादा छोटी बड़ी ट्रांसपोर्ट कम्पनियां चल रही है। इसी प्रकार नियमित रुप से बाहर से भी सैंकड़ो ट्रक यहां माल लेकर आते है इसमें आम जनता की जरुरत का माल होता है। हड़ताल के तहत जो ट्रक माल लेकर पहले रवाना हो गए व आज यहां पहुंचे है उनका माल ट्रांसपोर्ट के गोदाम में खाली करवा लिया है। दोपहर बाद तक सभी माल गोदामों में जमा हो चुका है। इसके बाद अब अनिश्चित कालीन हड़ताल के कारण ट्रक बंद हो गए है।
-जिले में हजारों ट्रक पंजीकृत
जिले में भी राष्ट्रव्यापी आव्हान पर शुक्रवार से हजारों ट्रकों के पहिए थम गए। ट्रक शहर में मामा भानेज चौराहा, झालरापाटन मार्ग के अलावा निजी स्थानों पर खड़े कर दिए गए। ट्रक चालक खालिद खान ने बताया कि जब तक हमारी मांगें मान कर हड़ताल खत्म नही हो जाती तब तक ट्रक खड़े रखेगें। जिला परिवहन अधिकारी भगवान करमचंदानी ने बताया कि जिले में परिवहन विभाग में 7 हजार 960 छोटे बड़े ट्रक व ट्रोला आदि पंजीकृत है।
-यह है मांगें
ऑल इंडिय़ा मोटर ट्रांसपोर्ट कंाग्रेस की ओर से सभी जिलों में जारी किए पम्पलेट में बताया कि सरकार की दमनकारी और परिवहन क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर खड़ा करने वाली नीतियों के विरोध में शुक्रवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल के दौरान 6 सूत्री मांगे है। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर समान मूल्य निर्धारण और डीजल कीमतों में त्रेमासिक संशोधन के तहत डीजल की कीमतें कम की जाए। पूरे भारत को टोल मुक्त किया जाए। तृतीय पक्ष बीमा प्रमियम निर्धारण में पारदर्शिता, इस पर जीएसटी की छुट, काम्प्रेहेंसिव पालिसी के माध्यम से एजेंटों को भुगतान किए जा रहे अतिरिक्त कमीशन का समाप्त किया जाए। आयकर अधिनियम की धारा 44 एई में अनुमानित आय में कमी और उसको तर्कसंगत किया जाए। ई-वे बिल से जुडी व्यवहारिक समस्याओं को देखते हुए नियमों में संशोधन किया जाए। ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टीडीएस समाप्त हो। बसों व पर्यटन वाहनों के लिए नेशनल परमिट दिए जाए। डायरेक्ट पोर्ट डिलिवरी डीपीटी योजना समाप्त हो व पोर्ट कंजेशन खत्म किया जाए।