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अनूठी पहल, स्कूटी की आवाज सुन भूख मिटाने के लिए दौडे़ चले आते हैं श्वान

Rajasthan News : बेजुबान जानवरों के लिए भवानीमंडी-भैसोदामंडीकी अन्नक्षेत्र संस्था वरदान साबित हो रही है। खास तौर से सड़क पर घूमने वाले श्वानों को संस्था प्रतिदिन खाना खिलाती है।

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Jhalawar News : कहावत है कि जिसका कोई नहीं होता, उसका भगवान होता है। इस कहावत के यूं तो अलग-अलग मायने हैं, लेकिन खास तौर से बेजुबान के लिए भवानीमंडी-भैसोदामंडीकी अन्नक्षेत्र संस्था वरदान साबित हो रही है। खास तौर से सड़क पर घूमने वाले श्वानों को संस्था प्रतिदिन खाना खिलाती है। यह सिलसिला करीब दो साल से जारी है।


संस्था अध्यक्ष गोविन्द मेड़तवाल व कालूलाल सालेचा ने बताया कि सड़क पर घूमने वाले श्वान की भूख मिटाने की बात जेहन में आई। इसके बाद खाना खिलाना शुरू कर दिया। लोग भी इससे अवेयर हुए हैं।


संस्था के कार्य को देखकर अन्य लोग भी खाना खिलाने लगे हैं। श्वान सहित अन्य पशुओं को संस्था सदस्य प्रतिदिन खाना खिलाने के लिए सुबह सात बजे निकलते हैं। ये स्कूटी की आवाज सुनकर दौड़े चले आते हैं। प्रतिदिन संस्था सदस्य छगन जैन स्कूटी के आगे पात्र में खाना लेकर आते हैं। आवाज सुनकर श्वान वाहन के आस-पास खड़े हो जाते हैं।


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छगन जैन ने बताया की प्रतिदिन श्वान सहित अन्य पशुओं के लिए 20 किलो आटे की रोटी बनाई जाती हैं। सुबह 7 बजे से हर गली-मौहल्ले में जाकर खिलाया जाता है।


संस्था के वल्लभ आचोलिया ने बताया कि प्रत्येक कॉलोनी में करीब 100 से 150 श्वान मिल जाते हैं, जिन्हें प्रतिदिन सुबह खाना खिलाया जाता है।


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गोविन्द ने बताया कि संस्था के पास समाजसेवी कार्य करने के लिए धन की कमी नहीं है। सेवा करने के लिए संस्था की तरफ से सब को आमंत्रण है। कालूलाल सालेचा ने बताया कि संस्था के द्वारा हर क्षेत्र में समाज सेवा का कार्य किया जाता है।


श्वान के लिए बिस्कुट जहर का काम करता है। इससे श्वान के खुजली की बीमारी होती है। इन पशु प्रेमियों को इसकी जगह किसी संस्था को वही रुपए देकर रोटी बनवा कर इनको देंगे, इससे फायदा होगा। श्वान होने वाली बीमारियों से बच सकेंगे।
डॅा.गोपाल सिह गुर्जर, पशु चिकित्सक भवानीमंडी


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