जिले में दूध का औसत वितरण प्रतिदिन करीब 26145 लीटर होता है। इसमें प्राथमिक स्तर के छात्रों को 150 एमएल, व उच्च प्राथमिक के विद्यार्थियों को 200 एमएल दूध दिया जाता है।
जिले में 1 लाख 56 हजार विद्यार्थियों को दिए जा रहे दूध के करीब 2 करोड़ 31 लाख रूपए व पोषाहार का 3 करोड़ 50 लाख रुपए बकाया चल रहे हैं। हालांकि सभी ब्लॉक से सूचनाएं आ चुकी है, लेकिन झालरापाटन, अकलेरा, सुनेल से अभी तक सूचना नहीं भेजने से भी भुगतान में देरी हो रही है।
पहले दूध व मिड-डे-मील का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से बैंकों द्वारा स्कूल के खाते में जमा करा दिया जाता था, लेकिन अब ई-कुबेर के जरिये सीधे आरबीआई द्वारा स्कूलों के खातों में भुगतान किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों के खाता संख्या व आदि जानकारियां अपडेट की जाएगी। उसके बाद ही भुगतान होगा।
ऐसे शुरू हुई थी योजना-
विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन दिन दूध देने की योजना सरकार ने दो जुलाई 2018 को शुरू की थी। जिले में संचालित सरकारी विद्यालयों के 1 लाख 56 हजार विद्यार्थियों को अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत सप्ताह में तीन दिन दूध पिलाया जा रहा था, लेकिन इसे बाद में प्रतिदिन कर दिया गया है।
जिले में दूध योजना का दो माह का करीब ढाई करोड़ का भुगतान बकाया चल रहा है। सभी स्कूलों के संस्था प्रधानों से ई-कुबेर के लिए खाता सं?या, आईएफएससी नंबर आदि लिए जा रहे हैं। सभी जानकारी आने के बाद खातों में भुगतान कर दिया जाएगा।
पुरुषोत्तम माहेश्वरी, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रारंभिक, झालावाड़