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एनएफएसए पोर्टल बंद: झालावाड़ जिले के 25 हजार परिवारों के आवेदन लंबित

  - नई सरकार खोले पोर्टल तो मिले गरीब परिवारों को राहत   राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल पिछले एक साल से बंद है। पिछले दो साल से प्रदेश के10 लाख परिवार एनएफएसए में नाम जुड़वाने का इंतजार करने को मजबूर है।

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NFSA Portal Closed: Applications of 25 thousand families of Jhalawar d

एनएफएसए पोर्टल बंद: झालावाड़ जिले के 25 हजार परिवारों के आवेदन लंबित

झालावाड़.राजस्थान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल पिछले एक साल से बंद है। पिछले दो साल से प्रदेश के10 लाख परिवार एनएफएसए में नाम जुड़वाने का इंतजार करने को मजबूर है। प्रदेशभर में अभी 2011 की जनगणना के अनुसार तय किए गए परिवारों के अनुसार 4.3 करोड़ लाभार्थियों को नि:शुल्क गेहूं आवंटित किया जा रहा है। पिछली कांग्रेस सरकार ने अप्रेल- मई 2022 में पोर्टल खोलकर आवेदन लिए थे, जिसके बाद कुछ आवेदकों को जोड़ा भी गया था, लेकिन अब भी 10 लाख से अधिक परिवारों को इस योजना में शामिल होने का इंतजार है। जिले में कुल 41 हजार परिवारों ने आवेदन किया था, जिनमें से अभी करीब 25 हजार परिवारों के आवेदन लंबित है।

नाम भी नहीं जुड़ रहा-

खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल लोगों के बच्चों के साथ परिवार में विवाह के बाद आने वाली दुल्हन का नाम भी नहीं जुड़ नहीं रहा है। ऐसे में उसे योजना के लिए पात्र होने के बावजूद लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे अन्य कई सरकारी योजनाओं से भी वंचित है। उधर,दो दशक से बीपीएल का सर्वे नहीं होने के कारण भी कई लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

दस्तावेज बनाने में भी परेशानी-

सूत्रों ने बताया कि राशन कार्ड एक ऐसा माध्यम है, जिसके मार्फत कई दस्तावेज बनाए जाते हैं। राशन कार्ड में नाम नहीं जुडऩेे के कारण लोग वे दस्तावेज भी नहीं बनवा पा रहे हैं। राशन कार्ड मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र आदि बनवाने के उपयोग में आता है। आधार कार्ड बनवाने के लिए भी बच्चे का नाम राशन कार्ड में कई बार मांगा जाता है।

केस-

एक डेढ़ साल से चक्कर लगाने को मजबूर

झालरापाटन ग्रोथ सेंटर निवासी कैलाश मेघवाल ने बताया कि लगभग डेढ़ साल पहले खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक राहत नहीं मिली है। पहले अधिकारियों की ओर से आवेदन में कमी होने की बात कही गई।अब नए सिरे से पोर्टल खोलने की बात कहकर लौटाया जा रहा है। नई सरकार को गरीब लोगों को राहत देने के लिए जल्द राशन पोर्टल खोलना चाहिए।

केस दो-

शिकायत भी कर चुके है- झालावाड़ निवासी कपिल वर्मा ने बताया कि पिछली बार जानकारी के अभाव की वजह से आवेदन नहीं कर सके थे। अब सरकार को पोर्टल खोलना चाहिए। जिससे गरीब परिवारों को राहत मिल सके। पिछली सरकार ने चयनित परिवारों को खाद्य सामग्री के किट भी दिए थे। पोर्टल खोलने की मांग गरीब परिवार लंबे समय से कर रहे हैं।

हर साल मिलने चाहिए सुविधा-

वरिष्ठ नागरिक मोहनलाल शर्मा ने बताया कि हर साल सरकार को पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल कराने के लिए सर्वे कराना चाहिए। वहीं जो परिवार इन योजनाओं के दायरे में नहीं आते हैं, उनको बाहर करना चाहिए। सरकारों की ओर से वोट बैंक को ध्यान में रखकर नाम जोडऩे और काटने की परम्परा बन गई है, जो गलत है। सरकार को इस दिशा में स्थायी नीति बनानी चाहिए।

खाद्य सुरक्षा में ब्लॉकवार आवेदन पेंडिंग

ग्रामीण क्षेत्र पेंडिंग

अकलेरा 2266

असनावर 1193

भवानीमंडी 2793

गंगधार 3622

झालरापाटन 3652

खानपुर 3411

मनोहरथाना 1960

पिड़ावा 4006

शहरी स्तर पर पेडिंग आवेदन

उपखंड पेंडिंग

अकलेरा 261

असनावर 3

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भवानीमंडी 436

गंगधार 103

झालावाड़ 961

खानपुर 35

मनोहरथाना 26

पिड़ावा 48

सरकार के स्तर पर होना है फैसला-

एनएफएसए में नाम जोडऩे व नए आवेदन लेने के लिए पोर्टल खोलने का फैसला सरकार के स्तर का मामला है। राज्य सरकार से जो भी आदेश मिलेंगे उनकी पालना की जाएगी। अभी पोर्टल खुलने की हमारे पास कोई सूचना नहीं है। जितेन्द्र कुमार, डीएसओ झालावाड़।