राजस्व रिकार्ड के अनुसार शहर में स्थित गोदाम की तलाई सन् 1964-65 में 11 बीघा व 6 बिस्वा के क्षेत्र में स्थित थी। इसके बाद सेटलमेंट के तहत 1971-72 में 7 बीघा व 5 बिस्वा रह गई थी व नगर पालिका में दर्ज हो गई थी। इसके बाद से ही नगर पालिका ने परम्परागत जल स्त्रोत के अस्तित्व को खत्म करना शुरु कर दिया था।
-जलाशयों के अस्तित्व से कोई समझोता नही
इस सम्बंध में उपखंड़ अधिकारी डॉ.राकेश कुमार मीणा ने बताया कि शहर में स्थित तालाबों व जलाशयों पर अतिक्रमण हटाने के लिए समय समय पर कार्रवाई की जाती है। जलाशयों पर अतिक्रमण कर इनके अस्तित्व को बिगाडऩे वालों से कोई समझोता नही किया जाएगा। जलाशयों के संरक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।
-जलाशयों के अस्तित्व से कोई समझोता नही
इस सम्बंध में उपखंड़ अधिकारी डॉ.राकेश कुमार मीणा ने बताया कि शहर में स्थित तालाबों व जलाशयों पर अतिक्रमण हटाने के लिए समय समय पर कार्रवाई की जाती है। जलाशयों पर अतिक्रमण कर इनके अस्तित्व को बिगाडऩे वालों से कोई समझोता नही किया जाएगा। जलाशयों के संरक्षण के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाएगा।