
Ration is not able to give away the coupons to the elderly
झालावाड़. निशक्त व बुर्जग उपभोक्ताओं को समय पर राशन दिलाने के लिए सरकार ने फूड कूपन देने के निर्देश दिए थे। यह आदेश 14 नवम्बर को ही जारी कर दिए थे। विभाग अभी तक इनकी सूचियां तैयार कर इनके लिए कूपन जारी नहीं कर सका है। उधर अधिकारियों का तर्क है कि इसके लिए किस प्रारूप में कूपन बनाए जाने है। इसके लिए गाइडलाइन जारी नहीं किए जाने के कारण यह कूपन नहीं छपवाए जा सके है।
ब इसके लिए अधिकारी आगामी १२ तारीक को जयपुर में होने वाली मीटिंग में कुछ निर्णय होंने की बात कह रहे है। ऐसे में बुजुर्ग व निशक्तजनों को अब इन कूपनों के माध्यम से मिलने वाली रसद सामग्री मिलने पर फिर से असमंजस पैदा हो गया है। सूचियां उपलब्ध नहीं होने के कारण अब यह सूचियां सूचना एवं प्रोद्योगिकी विभाग से लेनी पड़ेगी। कारण है कि उनके अंगूठे का निशान पोस मशीन पर नहीं आ पाता। इसी तरह कुछ बुर्जग ऐसे है जो अकेले है। जो राशन की दुकानों तक नहीं पहुंच पाते है। ऐसे में उनके हिस्से का राशन उनकी जगह और कहीं बंट जाता है। इस व्यवस्था को देखते हुए निशक्त व बुजुर्ग उपभोक्ताओं को कूपन देने का सिस्टम बनाया।
पात्र भी है वंचित
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत दुकानों व पंचायतों के बाहर सूचियां नहीं होने से कई पात्र भी वंचित है। डीलरों की दुकानें भी अधिकांश मर्तबा रसद सामग्री समय पर नहीं पहुंचने के कारण बंद रहती है। ऐसी स्थिति उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में सामने आई है। लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ।
अब यह होगा सिस्टम
अब निशक्तजन एवं बुर्जगों को फूड कूपन दिए जाएंगे। इनको परिजन या अन्य व्यक्ति को राशन सामग्री डीलर की और से दी जाएगी।वे चार कूपन ले लेंगे। और मुखिया की अनुपस्थिति में भी संबधित राशन की दुकानों से गेहूं व केरोसिन ले सकेंगे।
शुरू नहीं कराया सर्वे
जिले में राशन कार्ड का सत्यापन के दौरान ऐसे परिवारों का सर्वे कराया जाना था। सरकार के निर्देश है कि पंजीकृत राशन कार्ड के आधार पर सर्वे कराया जाए। इसके साथ ही दीनदयाल शिविरों के माध्यम से पात्र लाभार्थियों का सत्यापन किया जा रहा है। ऐसे परिवार जो खाद्य सुरक्षा में पात्र है और लाभ से वंचित है। उनका भी पंचायत स्तर पर सर्वे कराया जाना है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा में चयनित होने के बाद राशन प्राप्त नहीं कर रहे है। ऐसे परिवारों का भी सर्वे किया जा रहा है।
इसलिए किया सिस्टम
सरकार को निशक्त एवं बुर्जगों के दुकानों पर नहीं जाने के कारण इसकी हेराफेरी की शिकायतें मिल रही थी। इसी तरह इस मामले में कई बार अंगूठा मिलान नहीं होने की बात भी सामने आने के बाद निशक्त एवं बुर्जगों को राहत देने के लिए फूड कूपन लागू करने का फैसला किया। ताकि समय पर इनको रसद सामग्री मिल सके।
Published on:
11 Dec 2017 02:58 pm
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