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बदलते मौसम से साढ़े तीन करोड़ रुपए का नुकसान दे रहा तेंदूपत्ता

जंगल में लहलहाने वाला तेंदू पत्ता गर्मियों के सीजन में ग्रामीणों के लिए रोजगार का बेहतर साधन होता है। हालांकि अन्य वर्षों की बजाए इस बार लगातार हो रही बारिश से तेंदू पत्तों में फूटन देर से हुई है।

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हरिसिंह गुर्जर
झालावाड़।
जंगल में लहलहाने वाला तेंदू पत्ता गर्मियों के सीजन में ग्रामीणों के लिए रोजगार का बेहतर साधन होता है। हालांकि अन्य वर्षों की बजाए इस बार लगातार हो रही बारिश से तेंदू पत्तों में फूटन देर से हुई है। इसके चलते टेंडर भी देरी से हुआ है। तेंदू पत्तों के व्यापारियों का इस बार रुझान कम होने से जिले में वन विभाग को होने वाली आय में करीब साढ़े तीन करोड़ का नुकसान हुआ है। गत वर्ष तेंदू पत्तों से वन विभाग को 7.26 करोड़ की आय हुई थी, वहीं इस बार 2.96 करोड़ की आय हुई है।

यहां भी पश्चिमी विक्षोभ का असर
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश होती रही। तेंदू पत्ता तुड़ाई का कार्य हर साल अप्रेल, मई व जून के मध्य होता है। तब तेंदू के पेड़ के नए पत्ते पूर्ण आकार ले लेते हैं। उसी समय इन पर मीठा टिमरू फल भी आता है, जिसे खाया भी जाता है। लेकिन इस साल पूरे वर्ष बीच-बीच में बारिश होने से तेंदू पत्तों की फुटन देरी से हुई है। इससे अब तक फड़ नहीं लग पाई है।


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1000 गड्डी के मिलेंगे 1200 रुपए
जिले में करीब 45 इकाईयों द्वारा करीब 100 स्थानों पर फड़ लगाई जाएगी। जिनमें गिनती करने वाले व अन्य करीब 2 हजार तथा जिलेभर के करीब 50 हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। तेंदू के बड़े व नए आकार के पत्तों को क्रय करने वाले ठेकेदार की ओर से स्थानीय श्रमिकों से पचास-पचास की संख्या में पत्ते संग्रहित करवाकर गड्डियां बनवाई जाती है और क्षेत्र में ही विभाग की ओर से निर्धारित की गई दर पर एक हजार पत्तों की गड्डी के 1200 रूपए का भुगतान श्रमिकों को किया जाता है।

45 हजार तक कमा लेता है एक परिवार
ग्रामीण फूलचन्द ने बताया कि एक से डेढ़ माह तक चलने वाले तेंदू पत्ते के काम में सुबह-सुबह एक से डेढ़ घंटा पत्ते लाने में लगता है, उसके बाद दिनभर छांव में बैठे-बैठे पत्तों से गड्डियां बनाते रहते हैं। शाम 5 बजे फड़ पर दे आते हैं। एक व्यक्ति एक दिन में आराम से 300-400 रुपए कमा लेता है। ऐसे में एक परिवार 40 से 50 हजार रुपए की आय कर लेता है।


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45 इकाइयों के लिए हुआ टेंडर
जिले के वन मण्डल की आठों रेंज झालावाड़, असनावर, बकानी, अकलेरा, मनोहरथाना, डग, पिड़ावा, खानपुर में तेंदू पत्ते की 45 इकाइयों के व्ययन पर वर्ष 2023 में विभाग को मात्र 2 करोड़ 96 लाख रुपए का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। इसके मुकाबले इस गत वर्ष तेंदू पत्ता इकाइयों की नीलामी टेण्डर में वन विभाग को भारी राजस्व प्राप्त हुआ था।

जिले में इस बार गतवर्ष से कम राजस्व प्राप्त हुआ है। पिछले साल 7 करोड़ 26 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था। तेंदू पत्ते एकत्रित करने के लिए 45 यूनिट लगाई गई है। फड़ पर सारी व्यवस्थाएं चेक करने के लिए विभाग से हर रेंज पर कर्मचारी जाएंगे। - वी चेतन प्रकाश, उपवन संरक्षक, झालावाड़


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