साढ़े 3 सौ फीट बोरिंग के बाद भी नहीं निकला पानी
बकानी. पंचायत समिति की पठारी क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायतों में गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल संकट मंडराने लगा है।
ग्राम पंचायत कुशलपुरा के बाडिय़ा गणेशपुरा में पेयजल के संकट को देखते हुए ग्राम पंचायत ने डांग योजना के अंतर्गत शनिवार को ट्यूबवेल लगाई। साढ़े 3 सौ फीट तक बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं निकला।
राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष इस क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था सुधारने के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, टैंकरों के टंडर जारी कर लोगों की प्यास बुझाने की कोशिश की जाती है, लेकिन जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन स्थाई समाधान नहीं करता।
छापी परियोजना से जुड़े तो मिले जाए राहत
इस क्षेत्र के पास ही छापी बांध है, इस क्षेत्र से कुछ किमी की दूरी तक इस योजना की लाइन भी बिछी है, लेकिन सबसे ज्यादा पानी की समस्या से परेशान होने वाला क्षेत्र ही छापी परियोजना से वंचित है। इस समस्या का केवल एक ही स्थाई समाधान है कि इसे छापी परियोजना से जोड़ा जाए। कई बार लोगों के ज्ञापन दिए लेकिन समाधान नहीं हुआ।
बकानी. पंचायत समिति की पठारी क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायतों में गर्मी का मौसम शुरू होते ही पेयजल संकट मंडराने लगा है।
ग्राम पंचायत कुशलपुरा के बाडिय़ा गणेशपुरा में पेयजल के संकट को देखते हुए ग्राम पंचायत ने डांग योजना के अंतर्गत शनिवार को ट्यूबवेल लगाई। साढ़े 3 सौ फीट तक बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं निकला।
राज्य सरकार द्वारा हर वर्ष इस क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था सुधारने के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं, टैंकरों के टंडर जारी कर लोगों की प्यास बुझाने की कोशिश की जाती है, लेकिन जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन स्थाई समाधान नहीं करता।
छापी परियोजना से जुड़े तो मिले जाए राहत
इस क्षेत्र के पास ही छापी बांध है, इस क्षेत्र से कुछ किमी की दूरी तक इस योजना की लाइन भी बिछी है, लेकिन सबसे ज्यादा पानी की समस्या से परेशान होने वाला क्षेत्र ही छापी परियोजना से वंचित है। इस समस्या का केवल एक ही स्थाई समाधान है कि इसे छापी परियोजना से जोड़ा जाए। कई बार लोगों के ज्ञापन दिए लेकिन समाधान नहीं हुआ।