इतना ही नहीं इसके अलावा परिवार का सामाजिक बहिष्कार भी कर दिया गया है। पंचायत ने अपने फरमान में यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई गांववासी उस परिवार से कोई संबंध रखता है या बात करता है, तो उसे 50 हजार रुपये का दंड भुगतना पड़ेगा। साथ ही पंचायत ने खुले तौर पर धमकी दी है कि नियम तोड़ने वालों को गांव में चप्पलों से पीटकर नग्न घुमाया जाएगा। इस तुगलकी फरमान के बाद महिला सिपाही के माता-पिता ने सोमवार को गरौठा में संपूर्ण समाधान दिवस और टोडी फतेहपुर थाने में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई।
गांव में पंचायत का ये अमानवीय फैसला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। पंचायत के सदस्यों द्वारा फैसले की घोषणा की जा गई लेकिन वहां मौजूद किसी भी व्यक्ति ने इसका विरोध करने की हिम्मत नहीं दिखाई। इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि 21वीं सदी में भी समाज के कुछ हिस्सों में जातिवाद की जड़ें कितनी गहरी हैं।
पीड़ित परिवार ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की है। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महिला सिपाही और उसका परिवार सामाजिक बहिष्कार से परेशान हैं और उन्हें अब पुलिस संरक्षण की जरूरत है।
Published on:
11 Jun 2025 07:06 pm