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जूनियर वर्ल्ड कप हॉकी चेम्पियनशिप खेलने भारत आएगी PAK टीम, सुलझ गए सभी विवाद

हॉकी इंडिया ने दुबई में एफआईएच की कांग्रेस से इतर पाकिस्तानी हॉकी महासंघ से सभी मुद्दों पर साहसिक बातचीत की और चैंपियंस ट्राफी सहित तमाम मुद्दों को सुलझा लिया।

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अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के नए अध्यक्ष बने भारत के डा. नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने मंगलवार को यहां कहा कि उन्होंने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ हॉकी को लेकर सभी मुद्दे सुलझा लिए हैं और पाकिस्तान की टीम लखनऊ में होने वाले जूनियर विश्वकप में हिस्सा लेने भारत आ रही है।

बत्रा ने एफआईएच का अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हॉकी इंडिया ने दुबई में एफआईएच की कांग्रेस से इतर पाकिस्तानी हॉकी महासंघ से सभी मुद्दों पर साहसिक बातचीत की और चैंपियंस ट्राफी सहित तमाम मुद्दों को सुलझा लिया।

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने लखनऊ में होने वाले जूनियर विश्वकप हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने की पुष्टि कर दी है। पाकिस्तानी टीम की सुरक्षा के मुद्दे पर बत्रा ने कहा, ''यह हॉकी इंडिया की जिम्मेदारी है कि वह पाकिस्तानी टीम को पूरी सुरक्षा प्रदान करे। यह एफआईएच टूर्नामेंट है और हॉकी इंडिया किसी टीम को किसी बात से इंकार नहीं कर सकती है।''

एफआईएच अध्यक्ष ने कहा, ''जहां तक राजनीतिक हालात की बात है उसमें कोई भी फैसला या तो पाकिस्तानी सरकार को या फिर भारत सरकार को लेना है। सरकार कोई भी फैसला लेती है तो हम उसका हिस्सा रहेंगे। यदि पाकिस्तानी टीम टूर्नामेंट में हिस्सा लेने से इंकार भी करती है तो भी हमारे पास विकल्प रहेंगे। लेकिन पाकिस्तान को समय रहते इसकी जानकारी देनी होगी।''

बत्रा ने एफआईएच अध्यक्ष बनने के बाद अपनी जिम्मेदारियों और नई योजनाओं के बारे में कहा, '' मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य हॉकी को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय और ग्लोबल बनाना है। इसके लिए हम 2019 से 2028 तक 10 वर्ष की एक योजना लागू करने जा रहे हैं जिसे हॉकी क्रांति कहा जा सकता है। इससे नई पीढ़ी को हॉकी स्टिक उठाने और मैदान में उतरने की प्रेरणा मिलेगी।''

उन्होंने कहा, '' इस योजना के तहत होम एंड अवे आधार पर आठ से नौ टीमों के बीच एक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा जिसमें देश एक दूसरे के यहां जाकर मैच खेलेंगे। मसलन यदि नौ टीमें होती हैं तो भारत आठ टीमों की मेजबानी करेगा और आठ देशों में जाकर खेलेगा। इसमें पाकिस्तान भी शामिल होगा। यह एक ओलंपिक क्वालिफाइंग टूर्नामेंट की तरह होगा जिसमें शीर्ष दो टीमें ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करेंगी।''

बत्रा ने बताया कि दुबई में कांग्रेस के दौरान कई देशों नेे पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर खेलने पर आपत्ति जताई थी जिसके बाद यह फैसला किया गया कि पाकिस्तान के लिए तटस्थ स्थल का विकल्प रखा जाए जहां दूसरी टीमें पाकिस्तान से खेल सकें। अब इस बात पर पाकिस्तान को तैयार होना है। लेकिन यह एफआईएच टूर्नामेंट है और पाकिस्तान इससे इंकार नहीं कर सकता है क्योंकि यदि आप इंकार करते हैं तो फिर आपको ओलंपिक और विश्वकप छोडऩे पड़ेंगे।

बत्रा ने कहा, '' इस होम एंड अवे कार्यक्रम के अलावा एफआईएच का हॉकी वर्ल्ड लीग राउंड अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलता रहेगा जिससे छोटी टीमों को ओलंपिक के लिये जगह बनाने का मौका मिलेगा। इसके मैच शनिवार और रविवार को होंगे और इसमें क्रिकेट जैसा उत्सव सा माहौल रखा जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हॉकी मैच देखने आ सकें।''

एफआईएच अध्यक्ष ने कहा, '' मेरी भूमिका हॉकी की वैश्विक सीमाओं को बढ़ाने की होगी। अब तक हमने यही देखा है कि 10-12 देश मुख्य तौर पर हॉकी खेलते हैं। हम इस संख्या को 20-22 देशों तक ले जाना चाहते हैं। साथ ही हॉकी को अफ्रीका , पैन अमेरिका, एशिया में अन्य देश तथा ओसनिया के कुछ द्वीपों में भी हॉकी को पहुंचाना चाहते हैं।''

उन्होंने कहा, '' हमें हॉकी को विश्व स्तरीय ब्रांड बनाना है। इसके लिये हम ग्लोबल मार्केटिंग पार्टनर बनाएंगे। हॉकी को डिजीटल स्तर तक ले जाएंगे और राजस्व बढ़ाकर छोटे देशों की मदद करेंगे।''

बत्रा ने एफआईएच अध्यक्ष बनने को अपने लिए गौरव बताते हुये कहा कि एफआईएच का मुख्यालय लुसाने में रहेगा और वह दिल्ली से अपने कामों का संचालन करेंगे। वह साल में 40-45 दिन एफआईएच के कामों से देश से बाहर रहेंगे।