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UP Teacher Suspended: मोबाइल में व्यस्त रहीं टीचर, बच्चे बातचीत में मस्त, सहायक अध्यापिका निलंबित

Jhansi school inspection: झांसी के बंगरा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय में औचक निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापिका मोबाइल में व्यस्त मिली, जबकि बच्चे आपस में बातें कर रहे थे। ब्लैक बोर्ड खाली था, कॉपियां जांची नहीं गईं और होमवर्क भी नहीं दिया गया था। टीएलएम फंड के दुरुपयोग के आरोपों के बीच अध्यापिका को निलंबित कर दिया गया।

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झांसी

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Ritesh Singh

Aug 16, 2025

औचक निरीक्षण में उजागर हुई लापरवाही, ब्लैक बोर्ड खाली, बच्चों को होमवर्क नहीं, टीएलएम फंड के दुरुपयोग का भी आरोप (फोटो सोर्स : Social Media/X)

औचक निरीक्षण में उजागर हुई लापरवाही, ब्लैक बोर्ड खाली, बच्चों को होमवर्क नहीं, टीएलएम फंड के दुरुपयोग का भी आरोप (फोटो सोर्स : Social Media/X)

Teacher Suspended in Jhansi:  बंगरा ब्लॉक के कंपोजिट विद्यालय बसारी में औचक निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापिका की भारी लापरवाही उजागर हुई। सहायक अध्यापिका दीप्ति पाल कक्षा के दौरान मोबाइल में व्यस्त मिलीं, जबकि बच्चे आपस में बातें करते रहे। ब्लैक बोर्ड खाली पाया गया और बच्चों से पढ़ने को कहा गया तो वे शुद्ध हिंदी तक नहीं पढ़ पाए। खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) मोठ वेद प्रकाश सिंह की रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) विपुल सिंह सागर ने तत्काल प्रभाव से सहायक अध्यापिका को निलंबित कर दिया।

ग्रामीणों की शिकायत पर हुआ औचक निरीक्षण

ग्रामवासियों ने स्कूल में हो रही लापरवाही की शिकायत अधिकारियों से की थी। शिकायत के बाद 28 जुलाई को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक अमित सिंह पीसीएस परीक्षा की ड्यूटी पर थे और विद्यालय की जिम्मेदारी सहायक अध्यापिका दीप्ति पाल के पास थी। जांच में कक्षा 7 में 49 बच्चों का नामांकन दर्ज था, पर मौके पर मात्र 23 विद्यार्थी उपस्थित मिले। यह स्पष्ट संकेत था कि “स्कूल चलो अभियान” के तहत केवल औपचारिकता निभाई गई है।

कक्षा में मोबाइल, ब्लैक बोर्ड खाली

निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापिका मोबाइल पर व्यस्त पाई गईं। ब्लैक बोर्ड पूरी तरह खाली था और शिक्षण कार्य का कोई प्रमाण नहीं मिला। बच्चों से किताब पढ़ने को कहा गया, लेकिन वे साधारण हिंदी के वाक्य तक नहीं पढ़ पाए।

एबीएसए की रिपोर्ट में कई गंभीर लापरवाहियों का उल्लेख किया गया:

  • निपुण ऐप डाउनलोड नहीं किया गया था।
  • शिक्षक डायरी पिछले एक माह से भरी नहीं गई थी।
  • बच्चों की कॉपियां जांची नहीं गईं और होमवर्क नहीं दिया गया था।
  • टीचिंग लर्निंग मटेरियल (TLM) फंड का हिसाब नहीं मिला।

टीएलएम फंड के दुरुपयोग का आरोप

जांच के दौरान पाया गया कि शासन से प्रत्येक विद्यालय को शिक्षण एवं अधिगम सामग्री (TLM) के लिए जो धनराशि आवंटित की जाती है, उसका सही उपयोग नहीं हुआ। यह राशि बच्चों को पाठ्यपुस्तक, दृश्य सामग्री, डिजिटल उपकरण और व्यावहारिक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए होती है। सहायक अध्यापिका टीएलएम फंड का सही ब्योरा नहीं दे सकीं। इससे साफ संकेत मिला कि इस राशि का उपयोग नियमों के अनुसार नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने भी लगाए गंभीर आरोप

निरीक्षण के बाद ग्रामवासियों ने अधिकारियों को बताया कि सहायक अध्यापिका अक्सर मोबाइल में व्यस्त रहती हैं या फिर कक्षा में सोती रहती हैं। बच्चे शिक्षक के मार्गदर्शन से वंचित रहते हैं और विद्यालय की पढ़ाई मात्र नाम के लिए हो रही है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान

बीएसए विपुल सिंह सागर ने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट में स्पष्ट लापरवाही दर्ज की गई। “कक्षा के दौरान मोबाइल पर व्यस्त रहना, ब्लैक बोर्ड खाली होना, बच्चों को पढ़ाई का माहौल न देना और शिक्षण कार्य में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी आधार पर सहायक अध्यापिका को निलंबित किया गया है।” उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अब इस मामले में अतिरिक्त जांच कराएगा और जिम्मेदारी तय की जाएगी।

प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता पर सवाल

यह मामला न केवल एक अध्यापिका की लापरवाही का है बल्कि प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। विद्यालय में 49 बच्चों का नामांकन होते हुए भी केवल 23 बच्चों का उपस्थित होना इस बात का प्रमाण है कि स्कूल चलो अभियान में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब शिक्षक स्वयं शिक्षण कार्य के प्रति गंभीर नहीं होंगे तो बच्चों के सीखने का स्तर कैसे सुधरेगा?

निपुण भारत मिशन को झटका

शिक्षा विभाग द्वारा निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों में बुनियादी साक्षरता और गणना क्षमता विकसित करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। परंतु इस तरह की लापरवाहियाँ मिशन के उद्देश्यों पर पानी फेर देती हैं। यदि शिक्षक कक्षा में बच्चों को होमवर्क नहीं देते, कॉपियां जांचते नहीं और खुद पढ़ाने की जगह मोबाइल में व्यस्त रहते हैं, तो मिशन की सफलता कैसे सुनिश्चित होगी?

आगे क्या कदम उठाएगा विभाग 

जिला प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि इस मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भेजा जाएगा और विद्यालय की संपूर्ण कार्यप्रणाली की जांच होगी। यदि टीएलएम फंड के दुरुपयोग की पुष्टि हुई तो वित्तीय अनियमितताओं पर भी कार्रवाई तय है।

सख्त संदेश, लापरवाह शिक्षकों पर गिरेगी गाज

बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अब विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। औचक निरीक्षण जारी रहेंगे और जहाँ भी लापरवाही मिलेगी, वहां तत्काल कार्रवाई होगी।

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