
फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Air Force Day 2025: भारतीय वायुसेना ने आज 8 अक्टूबर को अपना 93वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर एशिया के सबसे बड़े एयर बेस एयर फोर्स स्टेशन हिंडन में परेड, हवाई प्रदर्शन और विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान वायुसेना की ताकत, अनुशासन और देश के प्रति समर्पण को प्रदर्शित किया गया।
वहीं, 93वें वायु सेना दिवस के अवसर पर शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मरणोपरांत वायु सेना मेडल (गैलंट्री) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी वीरांगना पत्नी सीमा मोगा ने ग्रहण किया। वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा कि सार्जेंट मोगा जैसे वीर सैनिकों का बलिदान राष्ट्र को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। वीरांगना सीमा मोगा ने भावुक होकर कहा कि यह पुरस्कार मेरे पति के साहस का प्रतीक है। मुझे उनके बलिदान पर गर्व है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान झुंझुनूं के मेहरादासी गांव के वीर सपूत सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उनकी इस अद्वितीय वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के सम्मान में इस वर्ष उन्हें वायु सेना मेडल (गैलंट्री) से शहीदोपरांत सम्मानित किया गया।
बता दें, यह सम्मान न केवल उनकी शौर्यगाथा को अमर करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति, समर्पण और साहस की प्रेरणा भी देगा। पूरा देश, विशेषकर झुंझुनूं, अपने इस वीर बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कर रहा है।
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस का परिचय देते हुए देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। वे इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना से शहीद होने वाले इकलौते वायुयोद्धा थे। उनकी वीरता को सलाम करते हुए उन्हें वायु सेना मेडल (गैलंट्री) के सम्मान की घोषणा स्वतंत्रता दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की थी। यह सम्मान उनके परिजनों को वायुसेना दिवस 2025 के अवसर पर वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने प्रदान किया।
वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह 12 अगस्त को झुंझुनूं के मेहरादासी पहुंचे थे, जहां उन्होंने शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा के घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और परिवार से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि, सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की शहादत देश के लिए गर्व की बात है। वे भारतीय वायुसेना की वीर परंपरा के सच्चे प्रतीक हैं। भारतीय वायुसेना हमेशा अपने शहीदों के परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी रहेगी। यह संभवत: पहला मौका था जब वायुसेना अध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से झुंझुनूं के किसी गांव में शहीद के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।
सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले की मंडावा तहसील के मेहरादासी गांव के निवासी थे । ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तीनों सेनाओं में से शहीद होने वाले इकलौते राजस्थानी योद्धा थे।
Updated on:
08 Oct 2025 08:42 pm
Published on:
08 Oct 2025 01:12 pm
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