
पत्रिका फाइल फोटो
Leh-Ladakh Protest Case: लद्दाख के प्रमुख जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पिछले 11 दिनों से जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। बीते मंगलवार को उनकी पत्नी गीतांजलि ने जोधपुर सेंट्रल जेल में सोनम वांगचुक से मुलाकात की। यह मुलाकात उनकी गिरफ्तारी के बाद पहली बार हुई।
गीतांजलि ने अपने वकील ऋतम खरे के साथ जेल में सोनम से मुलाकात की और इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की। उन्होंने लिखा कि आज मैंने सोनम वांगचुक से मुलाकात की। हमें उनकी हिरासत के आदेश की कॉपी मिल गई है, जिसे हम अदालत में चुनौती देंगे। गीतांजलि ने यह भी बताया कि सोनम का हौसला बरकरार है और वे लद्दाख के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने सोनम के समर्थकों को उनके प्रति एकजुटता और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
बताते चलें कि सोनम वांगचुक को 24 सितंबर को लद्दाख में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हिरासत में लिया गया था। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जन लोग घायल हुए थे। हिंसा के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था और कई पुलिसकर्मियों पर हमले हुए थे।
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई करते हुए उन पर हिंसा भड़काने, आत्मदाह की सलाह देने और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं। गीतांजलि से मुलाकात से पहले लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार मुस्तफा हाजी और सोनम के बड़े भाई त्सेतन दोरजे भी उनसे मिलने जेल पहुंचे थे।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोनम वांगचुक की रिहाई को लेकर केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि सोनम को तत्काल रिहा क्यों नहीं किया जा सकता।
गीतांजलि की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की। उन्होंने कोर्ट से मांग की थी कि सोनम की गिरफ्तारी के आदेश की कॉपी उनके परिवार को उपलब्ध कराई जाए ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके। सिब्बल ने यह भी अनुरोध किया था कि सोनम की पत्नी को उनसे मुलाकात की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने इस पर कहा था कि मुलाकात की अनुमति के लिए पहले औपचारिक अनुरोध करना होगा। यदि यह अनुरोध खारिज होता है, तभी कोर्ट इस पर विचार करेगा।
बताते चलें कि सोनम वांगचुक लद्दाख में पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत हैं। उनकी गिरफ्तारी लद्दाख के साथ-साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होनी है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
Updated on:
08 Oct 2025 11:33 am
Published on:
08 Oct 2025 11:32 am
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