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राजस्थान में 3 माह तक डिजिटल अरेस्ट रख महिला प्रोफेसर से 42 बार में ठगे थे 7.67 करोड़, CBI ने किया खुलासा

सीबीआई ने झुंझुनूं के सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट पेश कर किया खुलासा, चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश, चार के खिलाफ जांच जारी

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Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर रिटायर्ड बुजुर्ग से 14 लाख ठगे, वीडियो कॉल में दिखाया कोर्ट जैसारूम

डिजिटल अरेस्ट की प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Patrika)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिट्स पिलानी की महिला प्रोफेसर से साइबर ठगी मामले में विकास कुमार, राजपाल सिंह, नितिन सुथार व संतोष गुप्ता के खिलाफ राजस्थान के झुंझुनूं के सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें बताया कि आरोपियों ने खुद को सीबीआई, ईडी, ट्राई और महाराष्ट्र पुलिस का अधिकारी बताकर महिला प्रोफेसर को तीन महीने तक डिजिटल माध्यम से बंधक बनाए रखा और उनसे 42 बार में 7.67 करोड़ की ठगी की।

हाई-प्रोफाइल मामला

यह हाई-प्रोफाइल मामला फरवरी 2024 में तब सामने आया था, जब प्रोफेसर श्रीजाता डे ने झुंझुनूं साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। ठगों ने अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच स्काइप कॉल और वीडियो मीटिंग के जरिए प्रोफेसर को धमकाया और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कही। डरकर प्रोफेसर ने 80 लाख रुपए लोन लेकर रकम चुकाई।

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4 के खिलाफ जांच जारी

राजस्थान सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा गया। इससे पहले पुलिस के साइबर सेल ने 200 से अधिक बैंक खातों की छानबीन कर कुछ विदेशी खातों में ट्रांजेक्शन होने की जानकारी जुटाई। बाद में सीबीआई ने ‘ऑपरेशन चक्र-5’ के तहत मुंबई और मुरादाबाद में छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस मामले में मुंबई में दो प्रमुख ऑपरेटिव्स सहित कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया और सभी न्यायिक हिरासत में है। इनमें से चार के खिलाफ अभी जांच जारी है।

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