
Rajasthan By Election 2024: झुंझुनूं में विधानसभा के उप चुनाव को लेकर भाजपा व कांग्रेस के साथ सभी राजनीतिक दलों व प्रशासन के अधिकारियों ने तैयारियां पूरी कर ली है। झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। यहां कांग्रेस के सामने अपने गढ़ को बचाना चुनौती रहेगी, वहीं भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने ही बागियों से निपटने की रहती आई है। यहां भाजपा विधानसभा के चार चुनाव लगातार हार चुकी, रोचक बात यह कि चारों चुनाव कांग्रेस ने त्रिकोणीय मुकाबले में जीते।
हर बार यहां भाजपा का कोई ना कोई बागी खड़ा हो जाता है। बाद में बागियों को पार्टी में भी शामिल कर लिया जाता है। बागी बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले दो चुनाव में जिसने भी पार्टी की बगावत की, वह अगली बार भाजपा का टिकट लेकर आ गया। यहां से कांग्रेस नेता बृजेन्द्र ओला विधानसभा के लगातार चार चुनाव जीत चुके। अभी उनके सांसद बनने यह सीट खाली हुई है। ओला से पहले उनके पिता शीशराम ओला भी यहां से कई बार विधायक व मंत्री रह चुके।
झुंझुनूं सीट से भाजपा ने टिकट दे दिया है। यहां से भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को टिकट दिया है। टिकट वितरण के साथ ही बगावत भी तेज हो गई है। यहां से भाजपा के पिछले चुनाव के उम्मीदवार निषीत चौधरी बबलू ने बगावत का झंडा उठा लिया है। वे नामांकन भरने की तैयारी में हैं। भाजपा इस सीट पर वर्ष 2003 में जीती थी। यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है। भाजपा की बगावत और कांग्रेस का गढ़ होने के कारण यह सीट निकालना भाजपा के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा।
झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में यह दूसरा उप चुनाव है। पहला उप चुनाव तत्कालीन विधायक शीशराम ओला के सांसद बनने के बाद हुआ था। जबकि दूसरा उप चुनाव शीशराम के बेटे बृजेन्द्र ओला के सांसद बनने के कारण हो रहा है। पहले जब उप चुनाव हुए थे तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, जीत भी भाजपा के डॉ मूलसिंह शेखावत को मिली थी।
झुंझुनूं ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां से राजस्थान के पहले विधानसभाध्यक्ष बने। पंडित नरोत्तम लाल जोशी राजस्थान के पहले विधानसभा अध्यक्ष थे। वे झुंझुनूं से जीतकर बने थे, वहीं राजस्थान की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह रही है, वे भी झुंझुनूं से जीतकर ही इस पद पर पहुंची है।
Updated on:
22 Oct 2024 11:43 am
Published on:
22 Oct 2024 10:47 am
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