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Jhunjhunu News: शहीदों की धरती झुंझुनूं ने गुरुवार को एक और वीर सपूत को नम आंखों और गर्व से भरे हृदय के साथ विदाई दी। लालपुर गांव के हवलदार इकबाल अली (42) को हजारों लोगों की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। वे 26 अगस्त को श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के कुपवाड़ा सेक्टर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे।
उनकी पार्थिव देह के गुरुवार सुबह झुंझुनूं पहुंचते ही माहौल गम और गर्व से भर उठा। शहीद के सम्मान में झुंझुनूं के अग्रसेन सर्किल से लेकर लालपुर गांव तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस दौरान भारत माता की जय और शहीद इकबाल अमर रहें के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।
जैसे ही शहीद की पार्थिव देह लालपुर पहुंची, घर का आंगन मातम में डूब गया। 90 वर्षीय मां जन्नत बानो, पत्नी नसीम बानो और 10 वर्षीय बेटी मायरा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बहन रुबीना भी भाई की देह देख फफक पड़ी। वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं।
पुलिस टूकड़ी व 21 ग्रेनेडियर सेना की टुकड़ी ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद की बेटी मायरा को तिरंगा सौंपा, जिसे उसने आंसुओं के साथ थाम लिया। तिरंगा सौंपे जाने के बाद बेटी ने भारत माता की जय का नारा लगाया और पिता को सेल्यूट किया। इसके बाद पास ही कब्रिस्तान में इकबाल को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। सुपुर्द-ए-खाक से पहले मौलाना की इमामत में नमाज जनाना पढ़कर दुआ मांगी गई।
मेजर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि इकबाल अली की ड्यूटी बेहद कठिन परिस्थितियों में थी। देश सेवा करते हुए उन्होंने प्राण न्योछावर किए। उन्होंने बताया कि 26 अगस्त की सुबह 5 बजे 10 हजार फीट ऊंचाई पर गश्त के दौरान इकबाल एक चौकी से दूसरी चौकी की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान उनके सीने में दर्द हुआ। इस पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Published on:
28 Aug 2025 10:52 pm
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