
झुंझुनूं के निकट टीबा गांव में अपने पति की तस्वीर की पूजा करती शहीद वीरांगना सुनीता।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
झुंझुनूं. Karwa Chauth 2022: उनका सुहाग भले ही अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन वे हर साल उनकी याद में करवा चौथ का व्रत रखती हैं। उनका मानना है कि उनके पति देश के लिए शहीद हुए हैं, इसलिए वे अजर अमर हैं। शेखावाटी में ऐसी कई वीरांगनाएं हैं, जो अपने शहीद पति की याद में करवा चौथ का व्रत पूरी श्रद्धा के साथ रखती हैं। उनका कहना है कि देश के लिए जिन्होंने प्राण दे दिए, उनके लिए हम व्रत क्यों नहीं रखें। भले ही वे इस दुनिया में नहीं लेकिन हमारे दिल में बसे हैं....हमारी मीठी यादों में जिंदा हैं...।
वे मरे नहीं, अमर हुए हैं
झुंझुनूं जिले के जय पहाड़ी के करगिल शहीद नायक जगदीश सिंह शेखावत की वीरांगना सुनील कंवर का कहना है मेरे पति मेरी यादों में जिंदा हैं। वे मरे नहीं, बल्कि अमर हुए हैं। मैं हर साल उनकी याद में करवा चौथ का व्रत रखती हूं। यहां बहनें भी तो अपने शहीद भाई की प्रतिमा को राखी बांधती है। तिलक करती हैं। हाथ में रखा सूत्र बांधती हैं। इसलिए मैं भी पति की याद में करवा चौथ का व्रत करती हूं।
शहीद वीरांगना सुनील कंवर।
शहीद तो अमर होते हैं
खेतड़ी के निकट टीबा निवासी शहीद श्योराम गुर्जर की वीरांगना सुनीता गुर्जर ने बताया 18 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के मास्टर माइंड गाजी कामरान को मौत के घाट उतारते समय मेरे वीर पति देश के लिए शहीद हो गए थे। उन्होंने व उनके साथियों ने पुलवामा हमला का बदला लिया था। मैं हर साल उनकी याद में करवा चौथ का व्रत करती हूं। इस बार भी व्रत करूंगी। शहीद तो अमर होते हैं।
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झुंझुनूं के निकट भोड़की गांव में अपने पति की तस्वीर के साथ वीरांगना प्रिया कंवर।
इस बार भी रखूंगी व्रत
गुढ़ागौड़जी के निकट भोड़की गांव निवासी वीरांगना प्रिया कंवर ने बताया कि उनके पति व्रिकम सिंह नरूका देश के लिए शहीद हो गए। वह उनकी याद में करवा चौथ का व्रत करती है। गणेशजी व चौथ माता की कहानी सुनती हैं। इस बार भी चांद को अर्ध्य देकर ही व्रत खोलूंगी।
Published on:
13 Oct 2022 11:24 am
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