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झुंझुनूं: श्मशान के पास प्लास्टिक की थैली में लिपटा मिला नवजात बच्चा, रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने बचाई जान

पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि नवजात का वजन 2.5 किलोग्राम है। उसके शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा कम था, हालांकि सांस की गति सामान्य पाई गई।

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Newborn Child

नवजात का अस्पताल में चल रहा इलाज (फोटो-पत्रिका)

झुंझुनूं। बिसाऊ थाना क्षेत्र के भीखनसर सड़क मार्ग पर स्थित श्मशान घाट के पास गंदे पानी के किनारे एक नवजात प्लास्टिक की थैली में लिपटा हुआ मिला। कुछ ही घंटे पहले जन्मे इस मासूम की रोने की आवाज सुनकर लोगों ने उसे बचाया और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और नवजात को बिसाऊ सीएचसी ले गई, जहां से उसे झुंझुनूं स्थित राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल रेफर कर दिया गया।

पीएमओ डॉ. जितेंद्र भांबू ने बताया कि नवजात का वजन 2.5 किलोग्राम है। उसके शरीर का तापमान सामान्य से थोड़ा कम था, हालांकि सांस की गति सामान्य पाई गई। डॉक्टरों के अनुसार नवजात का जन्म लगभग 12 से 48 घंटे पहले हुआ प्रतीत होता है। उसे आइसीयू में भर्ती किया गया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स, स्टाफ और विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में उपचार दिया जा रहा है।

ग्रामीणों को सुनाई दी रोने की आवाज

शनिवार सुबह करीब दस बजे बिसाऊ निवासी मदनलाल पुत्र तेजाराम और आसपास के कुछ लोग वहां से गुजर रहे थे। अचानक उन्हें बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो उन्हें पारदर्शी प्लास्टिक की थैली में लिपटा नवजात मिला। आसपास गंदगी और पानी मौजूद था, लेकिन बच्चा जीवित था। ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। साथ ही बच्चे को गंदी जगह से उठाकर गोद में ले लिया।

मौके पर पहुंची पुलिस

सूचना मिलते ही बिसाऊ थानाधिकारी महेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने नवजात को प्लास्टिक की थैली से बाहर निकालकर तुरंत बिसाऊ के जटिया अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉ. निधि ने नवजात का प्राथमिक उपचार किया। डॉक्टरों के अनुसार बच्चे का शरीर ठंडा हो चुका था और जन्म के बाद उचित देखभाल न मिलने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया था। बाद में नवजात को बीडीके अस्पताल झुंझुनूं रेफर किया गया, जहां आइसीयू में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।