5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan News: उड़ता राजस्थान! सरकारी अस्पतालों की नींद की गोलियों से नशा कर रहे युवा; डॉक्टरों को दे रहे धमकी

Rajasthan News: राजस्थान के युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। युवा बीमारी के बहाने दवाओं का उपयोग नशे के लिए कर रहे हैं। झुंझुनूं जिले के सरकारी अस्पतालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

3 min read
Google source verification

Rajasthan News: प्रदेश के युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। बीमारी के बहाने युवा कुछ खास दवाओं का उपयोग नशे के लिए कर रहे हैं। इसके लिए सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क दवा योजना को जरिया बनाया गया है। झुंझुनूं (Jhunjhunu) जिले के सरकारी अस्पतालों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें चिकित्सकों को बाद में पता चला कि उन्हें झांसे में रखकर कुछ ऐसी दवाएं लिखवाई जा रहीं जो नशे के काम आती हैं।

दरअसल, कुछ गंभीर रोग वाले रोगियों को दर्द से राहत या फिर नींद के लिए कुछ ऐसी दवाएं दी जाती हैं जिससे रोगी को आराम मिल जाता है। हालांकि, नशे के आदी कुछ युवक जान-पहचान वाले चिकित्सकों से पर्ची पर दवाएं लिखवा रहे हैं। सरकारी अस्पताल के चिकित्सक को किसी डॉक्टर की लिखी पुरानी पर्ची दिखाकर भी दवाएं लिखवा ली जाती हैं।

यह भी पढ़ें : इस बोर्ड की परीक्षा में होगा बड़ा बदलाव, अब ऑन डिमांड होगी एग्जाम; ऐसा करने वाला बना पहला राज्य

इसलिए पुलिस में नहीं करते शिकायत

पिलानी के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुछ महीनों पहले एक चिकित्सा अधिकारी ने नशे की दवा लेने के लिए आने वाले युवकों की शिकायत पुलिस में लिखित रूप से की थी। इसकी जानकारी आरोपी युवकों को मिल गई। उन्होंने शिकायत करने वाले चिकित्सक का पीछा करना शुरू कर दिया। इससे डर कर चिकित्सक ने अपनी शिकायत वापस ले ली। इस घटना के बाद डॉक्टर पुलिस में शिकायत करने से बच रहे हैं।

अलग-अलग अस्पतालों से ले रहे नशे की गोलियां

नशे के आदी युवक नशे की दवाओं के लिए अस्पताल और चिकित्सक बदलते रहते हैं। वह पहले जान-पहचान वाले चिकित्सक से दवा लिखवाते हैं, बाद में उसी पर्ची को आधार बनाकर दूसरे डॉक्टर से दवा लिखवा लेते हैं। शक होने पर दूसरे अस्पताल या फिर दूसरे जिले के अस्पताल में जाकर दवा लिखवा लेते हैं।

यह भी पढ़ें : शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर आई बड़ी अपडेट, चहेतों के लिए चल रहा ये बड़ा खेल; जानें

पिलानी के ब्लॉक चिकित्सा प्रभारी डॉ. राजीव दूलड़ का कहना है कि आस-पास के राजकीय अस्पतालों में इस प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। दवाओं से नशा करने वाले युवा चिकित्सक को विश्वास दिलवाने के लिए कभी दोस्त के साथ तो कभी महिला को साथ लेकर दवा लिखवाने के लिए आते हैं। कई बार विवाद भी करने लगते हैं। मजबूरन पुलिस बुलानी पड़ती है।

पत्रिका की पड़ताल में सामने आए इस तरह के केस

केस-1 : पिलानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन युवक बाइक से आए और अलग-अलग चिकित्सकों के पास पर्चियां लेकर दवाई लिखवाने गए। चिकित्सक ने मना कर दिया तो झगड़ा करने लगे। अन्य नर्सिंग स्टाफ ने तीनों को अस्पताल से बाहर निकाला। दरअसल वे नींद और नशे के काम आने वाली गोलियां बिना बीमारी के लेना चाहते थे।

केस-2 : झुंझुनूं में बीडीके अस्पताल में 18 साल का एक युवक मनोरोग विशेेषज्ञ के पास पहुंचा। उसने चिकित्सक से कहा कि उसे नींद नहीं आने की शिकायत है। इस पर चिकित्सक ने उसे दवा लिख दी। पता चलते ही घरवालों ने चिकित्सक को आगाह किया कि उसे नींद की कोई शिकायत नहीं है, वह नशे का आदी है।

यह भी पढ़ें : रविंद्र सिंह भाटी ने PM मोदी के मंत्री को क्यों लिखा पत्र? 59 वर्ष पुरानी घटना का किया जिक्र

इस मामले को लेकर की एक्सपर्ट की राय

मनोविज्ञान की व्याख्याता समित्रा जांगिड़ ने बताया कि, नशे के रूप में दवाओं का इस्तेमाल करने के परिणाम घातक होते हैं। नशे की गिरफ्त में युवा शक्ति तबाह हो रही है। युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से जुड़ी जानकारी देकर सही मार्गदर्शन करना चाहिए। ऐसी स्थिति में युवाओं से खुल कर संवाद करना जरूरी है ताकि वे अपनी समस्याओं तथा भावनाओं को साझा कर सकें। नशे की लत वालों को खेल, संगीत तथा कला जैसी सकारात्मक गतिविधियों से जोडऩा जरूरी है। वहीं परिवार का समर्थन भी बहुत महत्वपूर्ण है। परिवार के सदस्यों को नशा करने वाले को समय देना चाहिए तथा उसे समय समय पर प्रोत्साहित करना चाहिए।

यह भी पढ़ें : 17 नए जिलों में से ये नए जिले होंगे रद्द! भजनलाल सरकार ने दिए बड़े संकेत; जानें


बड़ी खबरें

View All

झुंझुनू

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग