
GST
गजेंद्र सिंह दहिया, जोधपुर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होने के बाद देशभर में पहली बार 16 मई से शुरू किए गए जीएसटी फेक ड्राइव में केंद्र के साथ राज्य सरकारों को बड़ी सफलता हाथ लगती दिख रही है। ड्राइव के बीस दिन में ही राजस्थान में 161 फर्जी जीएसटी नम्बर मिले यानी जिन कम्पनी या प्रतिष्ठान के नाम पर जीएसटी नम्बर लिए गए थे, वे भौतिक रूप से मौजूद ही नहीं है।
161 कम्पनियों के जरिए करीब 118 करोड़ रुपए के फर्जी बिल जनरेट करके इनपुट टैक्स बेनिफिट (आईटीसी) लेने की आशंका है। राज्य कर विभाग ने फर्जी आईटीसी लेने वालों को नोटिस जारी करके 15 दिन में जवाब मांगा है। कुछ तो पैसे जमा कराने पहुंच गए। 38 लाख सरकार के खाते में आए हैं। इन फर्जी कम्पनियों की 12.86 करोड़ की आईटीसी भी ब्लॉक की है।
यह भी पढ़ें- Alert: सोशल मीडिया पर भूलकर भी लाइक और शेयर ना करें ऐसी फोटो, वरना खानी पड़ सकती है जेल की हवा
केवल बिल का धंधा करके टैक्स चोरी
दरअसल कई लोग आधार, पैनकार्ड सहित अन्य दस्तावेज के जरिए फर्जी जीएसटी नंबर लेकर आईटीसी का फर्जीवाड़ा करते हैं। माल का आदान-प्रदान करने की बजाय केवल बिल का धंधा करते हैं और आईटीसी लेकर टैक्सचोरी कर सरकार को चपत लगाते हैं। केंद्र और राज्य सरकार के पास मौजूद बिजनेस इंटेलीजेंस पोर्टल के जरिए राजस्थान में प्राथमिक तौर पर 1574 जीएसटी नम्बर संदेहास्पद मिले। अब तक इनमें से 990 की जांच की जा चुकी है। इसमें 161 फर्जी पाए गए। इनमें से 58 जीएसटी नम्बर बर्खास्त और 80 को निलंबित किया गया है।
फर्जी जीएसटी नम्बर के जरिए गलत आईटीसी लेने वाले प्रदेश के बाहर भी हैं। सभी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
रवि कुमार सुरपुर, चीफ कमिश्नर, राज्य कर जीएसटी जयपुर
Published on:
06 Jun 2023 12:50 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
