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प्रदेश के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क में लगनी थीं 30 यूनिट, दो साल में एक भी नहीं लगा पाए

Rajasthan News : जोधपुर के बोरानाडा इंडस्ट्रीयल एरिया में राजस्थान का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनना था, लेकिन इस पर जमी सरकारी धूल साफ होने का नाम नहीं ले रही।

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अविनाश केवलिया
Rajasthan News : जोधपुर के बोरानाडा इंडस्ट्रीयल एरिया में राजस्थान का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क बनना था, लेकिन इस पर जमी सरकारी धूल साफ होने का नाम नहीं ले रही। इसमें हार्ट डिजीज में काम आने वाले स्टेंट और अन्य डायग्नोसिस उपकरण बन सकते हैं। लोगों को राहत देने वाला यह सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट उदासीनता की भेंट चढ़ रहा है। बोरानाडा के समीप इस डिवाइस पार्क के लिए 92 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन मिली है। 125 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट भी मिला। इसमें 30 बड़ी इंडस्ट्री लगना प्रस्तावित है। इसमें से 21 प्लॉट का आवंटन हो गया। मौके पर रीको ने डामर की सड़कें भी बना दी, लेकिन इसके बाद काम आगे नहीं बढ़ रहा।

यह है भारत का मेडिकल डिवाइस इम्पोर्ट सेक्टर
भारत में 21 हजार करोड़ से भी ज्यादा के मेडिकल उपकरण इम्पोर्ट होते हैं। इसमें से 25 प्रतिशत हार्ट से जुड़े़ उपकरण होते हैं। राजस्थान के पहले मेडिकल डिवाइस पार्क से राजस्थान का इम्पोर्ट 20 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है, जिससे अच्छी गुणवत्ता व कम दाम में हार्ट में लगने वाले स्टेंट, निडल और अन्य डायग्नोसिस उपकरण उपलब्ध हो सकेंगे।

आखिर कहां है अड़चन
अक्टूबर 2021 में इस पार्क की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई। दिसम्बर में काम शुरू हुआ। इसके बाद दो साल में यहां सड़क बनाने व अन्य आवंटन प्रक्रिया पूरी की गई। नीलामी के जरिए आवंटन के बाद भी किसी प्रकार का उद्योग नहीं लग पा रहा, जबकि प्रदेश में इस सेक्टर में काफी स्कोप है।

फिलहाल कोई अपडेट नहीं
वर्तमान में मेडिकल डिवाइस पार्क के बारे में कोई अपडेट नहीं है। पहले 21 प्लॉट आवंटित हैं। वहां इंफ्रा हम डवलप कर रहे हैं।
- विनीत गुप्ता, वरिष्ठ प्रबंधक, रीको

पार्क के लिए बनाई स्पेशल कंपनी
मेडिकल डिवाइस पार्क बनने से मेडिकल उपकरण बनाने वाला सेक्टर काफी बूम पर जाएगा, लेकिन रीको की ओर से जो गति है, वह काफी धीमी है। इसमें सरकार को एक एसपीवी यानि स्पेशल कंपनी बनानी होगी और उसे पावर देने होंगे। इसके बाद इस पार्क को धरातल पर उतारा जा सकेगा। कुछ स्पेशल सेगमेंट के मेडिकल उपकरण यहां बनेंगे, जिसमें राजस्थान आत्मनिर्भर हो सकता है। यदि देश का 1 या 2 प्रतिशत भी मेडिकल उपकरण इम्पोर्ट कम कर पाते हैं तो बड़ी बात होगी।
- एनके जैन, अध्यक्ष, जोधपुर इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन

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