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राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम को फिर लगा बड़ा झटका

राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के सजा निलंबन के चौथे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है।

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राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के सजा निलंबन के चौथे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश विजय बिश्नोई और न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने तर्क दिया कि अपीलार्थी की उम्र 85 वर्ष से अधिक है और वह हार्ट की बीमारी से पीड़ित है।

उन्होंने कहा कि आसाराम को नवंबर 2023 और दिसंबर 2023 में दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है। एम्स ने गहन जांच के बाद सर्जरी का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि अपीलार्थी सर्जरी में जोखिमों के कारण और खासतौर पर किडनी से संबंधित जोखिम को देखते हुए सर्जरी नहीं करवाना चाहता, बल्कि महाराष्ट्र के खोपोली में माधवबाग अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति चाहता है, जहां बिना सर्जिकल हस्तक्षेप के हृदय रोगों का इलाज संभव है। अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि आसाराम का पुलिस हिरासत में इलाज करवाने पर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अपीलार्थी की ओर से बिना पुलिस हिरासत इलाज के लिए सजा निलंबन की याचना की गई।

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खंडपीठ ने कहा कि अपीलार्थी के समर्थकों को देखते हुए अगर उसे माधवबाग अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी गई, तो महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है और महाराष्ट्र सरकार की ओर से प्रतिक्रिया भी उपलब्ध नहीं है। प्रार्थना पत्र के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने सजा के निलंबन के लिए दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। अपील पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

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