भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर ने फलोदी जिले में पुलिस स्टेशन फलोदी के एएसआइ राधाकृष्ण और बतौर मध्यस्थ अधिवक्ता को 25 हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया। छेड़छाड़ के मामले में एफआर लगाने के बदले एएसआइ ने 50 हजार रुपए रिश्वत मांगे थे और फिर 25 हजार रुपए लेने पर सहमति बनी थी। इसमें से तीन हजार रुपए मध्यस्थ को मिलने थे।
उप महानिरीक्षक हरेन्द्र कुमार महावर ने बताया कि परिवादी की शिकायत और फिर सत्यापन के बाद फलोदी थाने के एएसआइ राधाकृष्ण और अधिवक्ता भैराराम को 25 हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया। एएसआइ ने यह रिश्वत थाने के सामने पंचायत समिति की दुकान में ऑफिस लगाकर बैठे मध्यस्थ भैराराम को दिलवाई थी।
रिश्वत लेते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के निर्देशन में निरीक्षक पदमपाल ने दबिश देकर मध्यस्थ बने भैराराम को पकड़ लिया। फिर उसने एएसआइ को फोन कर कहा कि रुपए आ गए हैं। एएसआइ ने जवाब में ओके बोला। एसीबी ने मध्यस्थ से रिश्वत राशि बरामद करने के बाद पुलिस स्टेशन फलोदी से एएसआइ राधाकृष्ण को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया।
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एसीबी का कहना है कि परिवादी की बहन ने ही अपने पति, परिवादी, उसके भाई व पिता के खिलाफ कुछ दिन पहले ही फलोदी थाने में लज्जा भंग करने की एफआइआर दर्ज करवाई थी। जांच एएसआइ राधाकृष्ण के पास थी। एफआर लगाने के बदले उससे पहले 50 हजार और फिर 25 हजार रुपए लेने पर सहमति जताई गई थी। इसमें 22 हजार रुपए एएसआइ व तीन हजार रुपए मध्यस्थ के लिए थे।
परिवादी ने 28 मई को एसीबी में लिखित शिकायत दी थी। 6 जून को गोपनीय सत्यापन में एएसआइ और मध्यस्थ भैराराम के रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। परिवादी को थाने के सामने दुकान में मध्यस्थ के ऑफिस में रिश्वत देने भेजा गया। रिश्वत देते ही पहले मध्यस्थ और फिर एएसआइ को पकड़ लिया गया।
Updated on:
11 Jun 2025 08:10 pm
Published on:
11 Jun 2025 08:05 pm