थोड़ी ही दूर उसके परिजन भी बोरवेल से बाहर निकाले गए पम्पसेट की केबल ठीक कर रहे थे और वे बच्ची को बोरबेल में गिरते देख दौड़े, लेकिन तब तक वह अंदर गिर चुकी थी। इसके बाद उन्होंने तत्काल खेड़ापा पुलिस को सूचना दी, जिस पर खेड़ापा थानाधिकारी केसाराम बांता मय पुलिस टीम के मौके पर पहुंचे और बच्ची को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने को लेकर अपने आला अधिकारियों को अवगत कराया। जिसके बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने बच्ची को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
वहीं इस घटना की जानकारी मिलने पर क्षेत्रीय विधायक पुखराज गर्ग भी जोधपुर से घटनास्थल पर पहुंच गए और उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से वार्ता कर बच्ची को सकुशल बाहर निकालने के लिए जल्दी से जल्दी रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए। बच्ची के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलने पर मैलाना सहित आसपास के गांव-ढाणियों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी मौके पर एकत्रित हो गई। देर रात तक यहां पहुंची 108 एंबुलेंस की मदद से बोरवेल में ऑक्सीजन छोड़ी गई, ताकि बच्ची को जीवित बाहर निकाला जा सके।
देर रात 10 बजे तक बोरवेल से बच्ची के रोने की आवाजें सुनाई दे रही थी और उसे सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। मेलाना गांव में देर रात जोधपुर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित व ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा भी मौके पर पहुंची और रेस्क्यू टीम के लोगों से मिलकर अब तक की प्रगति के बारे में जानकारी ली। साथ ही इस बीच सेना के जवान भी यहां पहुंचे और पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और सेना के जवान आदि मिलकर सभी ग्रामीणों के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने में जुटे लेकिन बच्ची को नहीं बचाया जा सका।