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Good News: अब बगैर मिट्टी के घर की छत पर करें खेती, रोज खाएं ताजा सब्जी, बस इतना आएगा खर्च

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या के चलते घर की छत और बालकनी में सब्जियां उगाने के लिए एयरोपोनिक व हाइड्रोपिक खेती की तकनीकी विकसित की है

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जोधपुर। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या के चलते घर की छत और बालकनी में सब्जियां उगाने के लिए एयरोपोनिक व हाइड्रोपिक खेती की तकनीकी विकसित की है, जिसमें बगैर मिट्टी के पौधों की जड़ों पर केवल पोषक तत्वों का छिड़काव करके उत्पादन प्राप्त किया जा सकेगा। अधिकांश पत्तेदार सब्जियां 6 से 12 इंच तक ऊंचाई तक जाती है। ऐसे में इन्हें घर में कहीं पर भी एडजस्ट किया जा सकता है। काजरी ने इसके लिए स्वयं ही 17 से अधिक पोषक तत्वों का घोल तैयार किया है, जिसका केवल स्प्रे करना होगा। इस तकनीक से महंगी सब्जियां लेट्यज, सिलेरी, पारसले, इटालियन वेसिल, ब्रोकली के अलावा पालक, चंदलिया, धनियां, मैथी, फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च सहित अन्य पत्तेदार सब्जियां ले सकेंगे।

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कैसे होगी खेती
काजरी के वरिष्ठ सब्जी वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप कुमार ने यह तकनीक विकसित की है। उन्होंने बताया कि इसके लिए पॉलीहाउस लगाना होगा। केवल परिवार के लिए 20 से 25 हजार में पॉलीहाउस लग जाएगा जो अगले दो दशक तक चलेगा। अगर 30 गुना 60 के घर की छत पर वाणिज्यिक उत्पादन के लिए सब्जी लगानी है जो पॉलीहाउस एक लाख में पड़ेगा। पोषक तत्व बहुत ही सस्ता है। केवल 100 रुपए में 500 लीटर मिल जाएगा। पॉलीहाउस से अक्टूबर से मार्च तक नियमित सब्जियां ले सकते हैं। गर्मी में तापक्रम अधिक रहने से कूलिंग सिस्टम लगाना पड़ेगा।

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घर पर सब्जी लगाने का फायदा
- पश्चिमी राजस्थान में अधिकांश सब्जियां गुजरात, महाराष्ट्र व उत्तरप्रदेश से आती है, जिससे महंगी मिलने के साथ इनका ताजापन खत्म हो जाता है।
- ट्रांसपोर्ट में सब्जियों के सड़न-गलन से नुकसान होता है।
- ईधन जलने से पर्यावरण प्रदूषण होता है।
- पॉलीहाउस में होने से सब्जियां कीड़े रहित, पेस्टीसाइड रहित होगी।


इनका कहना है
यह तकनीक शहर के लोगों को ताजी व सस्ती सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए विकसित की गई है। इससे पर्यावरण संरक्षण, महंगाई से बचाव सहित अन्य फायदे भी है।
-डॉ ओपी यादव, निदेशक, काजरी जोधपुर


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