संयुक्त बैठक में भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने स्पष्ट किया है कि इस बार टिकट जाति के आधार पर नहीं मिलेगा। यदि किसी क्षेत्र में कोई जाति का बाहुल्य है तो यह जरूरी नहीं कि उसी जाति के व्यक्ति को टिकट मिले। हालांकि इसके उलट जितने भी दावेदार सामने आ रहे हैं वह जातिगत समीकरणों के हिसाब से ही अपनी दावेदारी अलग-अलग सीटों से कर रहे हैं।
सूरसागर सीट सबसे खास मानी जा रही है। यहां वर्तमान विधायक तो दावेदारी में है ही, साथ ही करीब 10-15 लोग भी दावेदार हैं। इस सीट को ब्राह्मण वोट बैंक के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसीलिए खुद सीएम राजे ने इसका फीडबैक लिया है। हालांकि इसे कई समीकरणों से जोड़ कर देखा जा रहा है।
– जोधपुर शहर की तीन विधानसभा सीटों से 165 पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं को बुलाया गया।
– बुलाए गए कार्यकर्ताओं में से 95 प्रतिशत लोग पहुंचे।
– दोनों जिलों की संयुक्त बैठक के बाद विधानसभावार फीडबैक।
– दावेदारों को बैठक से बाहर जाने को कहा गया।
– एक शामियाने में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का दो प्रभारियों ने फीडबैक लिया।
– एक-एक कार्यकर्ता को अंदर बुलाया गया।
– एक पर्ची दी गई जिसमें जिले का नाम, विधानसभा क्षेत्र का नाम और सुझाव लिखे थे। – कार्यकर्ता को यह पर्ची बिना नाम लिखे बॉक्स में डालना था।
– बिलाड़ा का फीडबैक गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया और प्रदेश संगठन मंत्री सतीश पूनिया ने लिया।
– लूणी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर और पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने।
– भोपालगढ़ का केन्द्रीय राज्य मंत्री गजेन्द्र शेखावत और अशोक परनामी ने।
– ओसियां का प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर और राजस्थान प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने।
– सूरसागर का मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अरूण चतुर्वेदी ने।
– सरदारपुरा का केन्द्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश और परिवहन मंत्री युनूस खान ने।
– जोधपुर शहर का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंद्रशेखर और अविनाश राय खन्ना ने।
ऐसे दावेदार जो कि अपेक्षित कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों में शामिल थे उन्हें विधानसभावार फीडबैक से बाहर कर दिया गया। पहले कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद एक-एक दावेदार से संबंधित प्रभारी मिले।