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हाइवे के पुल पर वाहन चालकों को नहीं लगेंगे झटके

locationजोधपुरPublished: Sep 03, 2018 11:17:10 pm

Submitted by:

Manish kumar Panwar

बिलाड़ा. बर-बिलाड़ा के बीच तैयार हो रहे फॉरलेन सीसी मार्ग पर आधुनिक तकनीकी के दो बड़े पुलों का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, यह पुल लूणी नदी पर बन रहे है।

 bridges of modern technology

हाइवे के पुल पर वाहन चालकों को नहीं लगेंगे झटके

बिलाड़ा. बर-बिलाड़ा के बीच तैयार हो रहे फॉरलेन सीसी मार्ग पर आधुनिक तकनीकी के दो बड़े पुलों का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, यह पुल लूणी नदी पर बन रहे है। इसकी तकनीक आधुनिक होने के कारण गुजरने के दौरान वाहन चालक को महसूस ही नहीं होगा की उसका वाहन पुल से गुजर रहा है।अब तक जिस तकनीकी से पुलों का निर्माण हो रहा था उसके अंतर्गत प्रत्येक 15-15 फीट की दूरी के बीच दरार जितनी दूरी रखनी होती थी, जिसके कारण पुल से गुजरने वाले वाहन चालक एवं सवार अन्य लोगों को स्पष्ट रूप से हल्का झटका लगता था और खट-खट की आवाज सुनाई देती थी।
पुलों का निर्माण करवा रहे इंजीनियरों के अनुसार उनकी कार्यकारी एजेंसी एलएण्डटी द्वारा पहली बार इस रूट पर बन रहे इन पुलों में यह तकनीक काम में ली जा रही है। बर से बनाड़ तक के बीच बन रही सीसी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य दिन प्रतिदिन गति पकड़ता जा रहा है तथा आधे से अधिक की दूरी में एक तरफा सड़क तैयार हो भी चुकी है तथा शेष दूरी में इस वर्ष के अंत तक तैयार होने की संभावना है। प्रोजेक्टर डायरेक्टर एसके मिश्रा के अनुसार एक तरफा टू लेन सड़क तैयार होने के पश्चात दूसरी लेन का कार्य शुरू किया जाएगा तथा इस लेन पर भी सभी छोटे-बड़े पुलों का निर्माण इसी तकनीक से होगा। (निसं)
पुलों की ऊंचाई बढ़ाई
लूणी नदी पर बनाए जाने वाले इन पुलों की ऊंचाई भी पहले के बने पुलों से डेढ़ गुना ज्यादा है, मिश्रा के अनुसार सड़क एवं पुलों के तकमीने तैयार होने के दौरान यह ध्यान रखा गया था कि अब तक किस वर्ष में इन नदियों पर बने पुलों एवं रपटों के ऊपर से पानी का बहाव हुआ है। वर्ष 1979 में जब जसवंत सागर बांध पर चादर चली और कई दिनों तक लूणी प्रचंड वेग से बही उस दौरान पूर्व के बने इन पुलों के उपर से पानी गुजरा था। उसी को ध्यान में रखते हुए इस बार नदी के तल से पांच मीटर की ऊंचाई तक यह पुल बनाया जा रहा है।
फ्लाइओवर के अंदाज में बन रहे इन पुलों पर रखे जाने वाले सीमेंटेड गर्डर भी दुगुनी लम्बाई के है तथा अब तक बन चुके पुल जितना भार सहन कर सकते थे, उससे ढार्ई गुना अधिक भारी वजन के वाहन इन पुलों पर से गुजर सकेंगे।
निर्धारित समय में होगा पूरा
पाली जिले के बर तिराहे से यह सड़क बनाड़ तक 109.06 किलोमीटर की दूरी में बनाई जानी है तथा भारत सरकार ने इस सीसी चार लेन के कार्य के लिए 1248 करोड़ स्वीकृत किए है। 26 जनवरी 2017 से इस मार्ग के निर्माण कार्य की शुरूआत होने के बाद अनवरत रूप से यहां कार्य चल रहा है तथा कार्यकारी एजेंसी की माने तो यह पूरा कार्य निर्धारित समय में पूरा हो जाएगा । चल रहे सम्पूर्ण कार्य पर दिल्ली की कंस्लटिंग कम्पनी लीज के तकनीकी अधिकारी गुणवत्ता को लेकर मॉनिटरिंग कर रहे है।
फेक्ट फाइल…

बर-बनाड़ लागत 1248 .58 करोड़

लम्बाई 109.6 55 किलोमीटर
कार्य समाप्ति लक्ष्य -सितम्बर 2019

दो टोल प्लाजा निम्बाज व बीनावास
बायपास -3

बड़े पुल -2
फ्लाइओवर -4

रेलवे आरओबी – 1
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