
जोधपुर। शहर में एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर लोग कोरोना के डर से नहीं, बल्कि डम्पिंग स्टेशन की बदबू के मारे चेहरे पर मास्क लगाने को मजबूर हैं। जी हां, हम बात कर रहे है कायलाना रोड स्थित निगम के डम्पिंग स्टेशन की। जहां करीब 10 साल से यही हालात बने हुए हैं। बावजूद इसके निगम प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है और आमजन इस समस्या के कारण यहां से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। लोगों की यह मांग है कि डम्पिंग स्टेशन को यहां से हटाया जाए।
दरअसल, कायलाना रोड पर बने हुए डम्पिंग स्टेशन पर शहर का कचरा लाकर डाला जाता है। करीब 300 मेट्रिक टन कचरा प्रतिदिन यहां पर जमा होता है। उसके बाद यहां से कचरा केरू डम्पिंग स्टेशन तक ले जाया जाता है। इससे निगम पर भी प्रतिदिन कचरे के परिवहन को लेकर खासा पैसा खर्च होता है। निगम की ओर से कचरा परिवहन करके केरू डम्पिंग स्टेशन तक ले जाने में प्रतिदिन करीब 50 हजार रुपए खर्च होते हैं।
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महापौर से लेकर अधिकारियों तक लगाई गुहार
क्षेत्रवासी लगातार नगर निगम दक्षिण की महापौर से लेकर आयुक्त और उपायुक्त तक इसकी शिकायत कर चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक इस बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं किया गया है। इसका दंश आमजन भुगत रहे हैं।
कलक्टर को अवगत करवा चुके
कायलाना रोड पर रहने वाले कई लोगों ने इस मामले में पूर्व में कलक्टर को बीमारियां बढ़ने की आशंका को लेकर ज्ञापन सौंपकर स्थिति से अवगत करवाया था, लेकिन करीब दो साल से बार-बार कलक्टर को इस समस्या से अगवत करवाने के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला।
ठेका फर्म को नोटिस भी दिया
डंपिंग स्टेशन से नियमित कचरा उठाने के लिए ठेका फर्म को ठेका दिया गया था। पिछले कुछ समय से ठेका फर्म की ओर से डंपिंग स्टेशन की से कचरा नहीं उठाया जा रहा था। आयुक्त ने अतिरिक्त संसाधन लगाकर पूरे डंपिंग स्टेशन से कचरा व मलबा हटवाया। साथ ही ठेका फर्म को नोटिस जारी कर उस पर जुर्माना राशि भी लगाई।
Published on:
23 Jun 2023 03:27 pm
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