सेंधवा में बनाए जा रहे अवैध ऑटोमैटिक हथियार!
- दुश्मनी के चलते हार्डकोर ने खरीदी थी ऑटोमैटिक कार्बाइन व देसी पिस्तौलें
- हथियार बनाने वालों की धरपकड़ के लिए एसओजी को भी दी सूचना

जोधपुर.
हथियार तस्कर व हार्डकोर से देसी स्वचालित यानि ऑटोमैटिक कार्बाइन बरामदगी ने पुलिस व एसओजी के कान खड़े कर दिए हैं। हथियारों की तस्करी व पुलिस पर फायरिंग के मामलों में जमानत पर छूटने के बीस-पच्चीस दिन के भीतर हार्डकोर ने सत्तर हजार रुपए में यह कार्बाइन खरीदी थी। वह छह और देसी पिस्तौल भी खरीदकर लाया था। इनमें से तीन पिस्तौल उसने स्थानीय बदमाशों को बेच दी थी। ऑटोमैटिक कार्बाइन व पिस्तौलें मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में समाज विशेष की ओर से बनाई जा रही है। इनकी धरपकड़ के लिए एसओजी को भी सूचित किया गया है।
कार्बाइन खरीदी क्योंकि कइयों से दुश्मनी
मण्डोर थाना पुलिस ने २० अगस्त को लोहावट थानान्तर्गत जाटावास निवासी निम्बाराम उर्फ नेमाराम पुत्र किशनलाल जाट को गिरफ्तार कर एक कार्बाइन, तीन देसी पिस्तौल व छह कारतूस जब्त किए थे। पूछताछ में सामने आया कि अपराध की दुनिया में उसकी कई लोगों से दुश्मनी हो रखी है। जिनसे हर वक्त खतरा रहता है। अन्य बदमाश १२ बोर या देसी पिस्तौलें रखते हैं। इसलिए उसने ऑटोमैटिक कार्बाइन खरीदी थी। थानाधिकारी दिलीप खदाव का कहना है कि जमानत पर छूटकर वह और सहीराम बिश्नोई कार्बाइन व छह पिस्तौल खरीदकर लाए थे। तीन पिस्तौलें निंबाराम ने तीन बदमाशों को बेची थी।
एक ट्रिगर दबाते ही तीस राउण्ड फायरिंग
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह यादव ने बताया कि ऑटामैटिक कार्बाइन सिर्फ सशस्त्र बलों के पास ही उपलब्ध हैं। बदमाश गिरोहों ने कार्बाइन को देसी स्तर पर बनाना शुरू किया है। यह हथियार मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में बनाए जाते हैं। कार्बाइन की एक मैग्जीन में तीस कारतूस लोड होते हैं और एक ट्रिगर से सारी गोलियां एक साथ निकलती हैं। निंबाराम ने किसी से दुश्मनी की वजह से कार्बाइन खरीदने की जानकारी दी है। हथियार बनाने वाले को पकडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं।
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