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राजस्थान में यहां बनेगा US, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर देश का पहला टेस्ट ट्रैक, 220 किमी प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन

India First High Speed Train Test Track In Rajasthan: अमरीका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर के नावां स्टेशन में बनेगा।

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India First High Speed Train Test Track In Rajasthan:

India First High Speed Train Test Track In Rajasthan: अमरीका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर के नावां स्टेशन में बनेगा। रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की ओर से विकसित किए जा रहा ट्रैक जोधपुर मंडल के नावां रेलवे स्टेशन के पास गुढा-ठठाणा मीठड़ी के बीच बनाया जा रहा है। 819.90 करोड़ रुपए की लागत से करीब 60 किलोमीटर लंबा यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक तैयार होने की संभावना है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ भारत ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं होंगी। इससे रेलवे से संबंधित अनुसंधान, परियोजनाओं व इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी समस्याओं का समाधान संभव होगा। टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो फेज में पूरा होगा।

34 ब्रिज बनेंगे

- टेस्ट के उद्देश्य से 34 छोटे ब्रिज बनेंगे, इनमें से 24 का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 10 का कार्य प्रगति पर है।

- ट्रैक की भूमि पर 8 रेलवे अंडर ब्रिज में से 3 ब्रिज बनकर तैयार।

- ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी। इसमें गुढ़ा में एक हाई स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा। नावां में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा।

यह होंगे परीक्षण

- अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन का ट्रायल होगा।

- लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक को हाई एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा।

ट्रैक के लिए इसलिए चुनाव

वर्तमान में किसी भी नई ट्रेन या वैगन का ट्रायल रेलवे के चालू ट्रैक पर ही किया जा रहा है। ट्रायल के समय उस ट्रैक पर रेलवे ट्रैफिक को रोकना पड़ता है, जिससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। इस परियोजना के लिए गुढा-ठठाणा मीठड़ी क्षेत्र चुनने का प्रमुख कारण यह है कि इस दूरी के बीच पुरानी रेलवे लाइन पहले से बिछी है और रेलवे की पर्याप्त भूमि पहले से ही है, जिसका उपयोग हो सकेगा।

इनका कहना है
नए टेस्ट ट्रैक एरिया में नए कोचों, लोकोमोटिव आदि की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता और स्पीड जांची जा सकेगी। इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के भारतीय रेलवे के प्रयासों को गति मिलेगी।
- पंकज कुमार सिंह, डीआरएम, जोधपुर रेल मंडल

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