
मुमुक्षु चारु छाजेड़ (फोटो: पत्रिका)
Civil Engineer Mumukshu Charu Chajed: आज के युग में उच्च शिक्षा ग्रहण कर अच्छा कॅरियर बनाने की जगह वैराग्य की राह पर चलना थोड़ा असंभव सा लगता है। लेकिन जोधपुर की एक बेटी ने उच्च शिक्षा ग्रहण कर वैराग्य की राह पर चलने का फैसला किया है।
यह है 25 वर्षीय चारु छाजेड़, जो आत्म संयम के दीप से दीप्त होकर दीक्षा अंगीकार करेंगी और साध्वी जीवन में प्रवेश करेंगी। चारु साधुमार्गी जैन परंपरा के संत आचार्य रामेश की प्रेरणा और सान्निध्य में आगामी 28 मई को बीकानेर में दीक्षा ग्रहण करेंगी। उल्लेखनीय है कि आचार्य रामेश के सान्निध्य में देशभर में अब तक 430 से अधिक लोग दीक्षा लेकर सांसारिक जीवन त्याग कर साधु जीवन अपना चुके हैं।
साधुमार्गी जैन संघ, जोधपुर की ओर से मुमुक्षु चारु व उनके परिवार का इसी सप्ताह बहुमान किया जाएगा। आयोजन में संघ अध्यक्ष बहादुरचंद मणोत, महामंत्री सुरेश सांखला, राष्ट्रीय मंत्री तनसुख जैन, महिला मंडल राष्ट्रीय मंत्री शीलू भंडारी आदि पदाधिकारी व समाज के लोग उपस्थित रहेंगे।
चारु के परिवार की धार्मिक पृष्ठभूमि भी प्रेरणादायी है। पिता गजराज छाजेड़ रेलवे विभाग में मुख्य अभियंता पद से सेवानिवृत्त हैं। माता अनिता की विनम्रता, धर्मप्रेम और मौन तपस्या चारु के व्यक्तित्व में झलकती है। बहनें नेहा और दर्शना सरकारी सेवा में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
जालम विलास, पावटा निवासी मुमुक्षु चारु छाजेड़ का जन्म 16 अगस्त 2000 को गुजरात के गांधीधाम में हुआ। चारु ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की शिक्षा प्राप्त की। अपने लगभग साढ़े तीन वर्ष के वैराग्य काल में उन्होंने श्रीमद दशवैकालिक सूत्र, नंदी सूत्र, उत्तराध्ययन सूत्र, श्रीमद प्रज्ञापना सूत्र, श्रीमद भगवती सूत्र के थोकड़े, कर्मप्रज्ञप्ति आदि का गहन अध्ययन किया। साथ ही’आरोग्यबोधिलाभं’ में भी धार्मिक शिक्षा प्राप्त की। इस अवधि में उन्होंने 300 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा की तथा अनेक तप बेला, तेल, आयंबिल, अठाई, सिद्धितप, एकादशी आदि की आराधना की।
Updated on:
20 May 2025 09:56 am
Published on:
20 May 2025 09:50 am
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