
Jaswant Sagar Dam: बिलाड़ा के जसवंत सागर बांध में पानी का गेज गुरुवार शाम चार बजे तक 25.80 फीट पर पहुंच गया। अजमेर और नागौर जिले के नदी और बाळों से पानी की आवक जारी है। पानी की आवक को देखते हुए बांध कभी भी ओवरफ्लो हो सकता है।
बांध में लगातार पानी की आवक को देखते हुए डूब क्षेत्र के 13 गांवों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इन गांवों में करीब 65000 आबादी है। राहत-बचाव के साथ हर स्थिति का सामना करने की तैयारी प्रशासनिक स्तर पर की गई है। ग्रामीण भी अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने और जरूरी सामान सुरक्षित करने की कवायद में जुटे हैं।
बुधवार रात को बांध की पाळ टूटने की अफवाह से स्थानीय और जिला प्रशासन की भी नींद उड़ गई और डूब क्षेत्र वाले 13 गांवों में लोग रातभर दहशत में रहे। सिंचाई विभाग के एसई रिनेश सिंघवी जोधपुर से आधी रात को टीम सहित बांध पर पहुंचे। संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह भी गुरुवार को बांध पर पहुंची। उन्होंने ओवरफ्लो होने की स्थिति में पानी के प्रवाह के मार्ग को ठीक करने के निर्देश दिए।
जसवंतपुरा, पिचयाक, झुरली, बड़ी खुर्द, रामनगर, भावी, मालकोसनी, बाला, लाम्बा, कानावासिया, ओलवी, होल्पुर तथा पड़ासला।
1889 में तत्कालीन महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय ने बनवाया।
1300 वर्गमील जलग्रहण क्षेत्र।
02 नहरें- भावी और पड़ासला।
1309 एसीएफटी भराव क्षमता।
सिंचाई विभाग का बांध पर स्थित कंट्रोल निगाह रखे हुए है।
डूब क्षेत्र के गांवों की ग्राम पंचायतों को शेल्टर होम से लेकर भोजन-पानी का प्रबंध रखने को कहा गया है।
बाढ़ के हालात में गांवों से निकलने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉलियां तैयार करवाई गई हैं।
बुधवार रात को ही बांध का निरीक्षण किया। बांध पूरी तरह सुरक्षित है। कहीं कोई खतरा नहीं है। पानी की आवक जारी है और उम्मीद करते हैं कि शुक्रवार रात तक अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप भरा जाएगा।
बांध में पानी की आवक को देखते हुए हर स्थिति का सामना करने की तैयारी है। ङ्क्षसचाई विभाग, आपदा प्रबंधन और ग्राम पंचायत प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय है। स्थानीय संसाधनों से राहत-बचाव के साथ एसडीआरफ बुलाने तक की तैयारी है।
Published on:
13 Sept 2024 07:59 am
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