एम्स ने कुछ समय पहले नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया के जरिए हॉरीजॉन ल्यूमिनस प्रा.लि. कम्पनी को पॉवर प्लांट के सोलर पैनल लगाने के लिए अनुबंध किया था। जिसके तहत मार्च माह में काम शुरू किया गया था। वर्तमान में एम्स के अस्पताल, मेडिकल कॉलेज सहित प्रशासनिक भवन की बिल्डिंग की छतों पर सोलर पैनल लगाने का कार्य अन्तिम चरण में हैं। कुछ ही दिनों में इस प्लांट को चालू कर दिया जाएगा।
एम्स को प्रति यूनिट 4 रुपए सस्ती मिलेगी बिजली अधिशासी अभियंता (इंजीनियरिंग विंग, एम्स) पंकज सक्सेना ने बताया कि अनुबंधित कम्पनी की ओर से रेक्सो मॉडल यानि फ्री ऑफ चार्ज ऑनग्रेड सोलर सिस्टम लगाए गए हैं। जिसमें एम्स का कोई खर्चा नहीं हुआ है। एम्स ने कम्पनी से अनुबंध किया है, जिसके तहत कम्पनी एम्स में लगाए सोलर पैनल से उत्पादित बिजली डिस्कॉम को बेचेगी और डिस्कॉम से बिजली लेेकर एम्स को आपूर्ति करेगी। वर्तमान में एम्स को डिस्कॉम से बिजली प्रति यूनिट 7 रुपए दर पर मिल रही है। कम्पनी के अनुबंध के अनुसार एम्स को यही बिजली प्रति यूनिट 2.94 रुपए दर पर में मिलेगी। यानि एम्स को मिलने वाली बिजली 4 रुपए प्रति यूनिट कम पर मिलेगी। इससे एम्स का बिजली बिल बचेगा।
सोलर पैनलों के नीचे खड़े रहेंगे वाहन एम्स में ओपन पार्किंग की जगह पर भी सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं। इन पैनलों के नीचे कारें व दुपहिया वाहन खड़े किए जाएंगे। ऐसे में इन सोलर पैनलों से न केवल वाहन धूप व बरसात से बचेंगे, बल्कि उस जगह से सौर ऊर्जा का उत्पादन भी हो सकेगा।