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48 दिन से कोमा में बेटा… माथे पर हाथ फेरती मां की एक ही आस, एक बार खोले आंख

जोधपुर में ओम सिंह (20) को बीते 4 अक्टूबर की रात राजपूत छात्रावास के बाहर आरपीएस जब्बरसिंह चारण ने कार से कुचल दिया था। तब से वह कोमा में है। आंखें तो खुलती हैं, लेकिन न किसी को पहचान पाता है और न ही बोल पाता है।

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फोटो पत्रिका

जोधपुर। 48 दिन से कोमा में बेटा… मां अनीता कंवर पथराई आंखों से उसके ठीक होने की उम्मीद लगाए बैठी है। सुबह से लेकर रात तक एम्स के आईसीयू में वह कभी बेटे के पैर दबाती है, तो कभी उसके सिर पर हाथ फेरती रहती है। फिर पलंग के पास ही दरी बिछाकर बैठ जाती है और मन ही मन भगवान से मन्नत मांगती है कि बेटा जल्द से जल्द ठीक हो जाए।

इस मां का बेटे ओम सिंह (20) को गत 4 अक्टूबर की रात राजपूत छात्रावास के बाहर आरपीएस जब्बर सिंह चारण ने कार से कुचल दिया था। तब से वह कोमा में है। आंखें तो खुलती हैं, लेकिन न किसी को पहचान पाता है और न ही बोल पाता है।

बालोतरा के पूनियों का तला निवासी किसान स्वरूप सिंह राजपूत ने बेटे ओमसिंह को सेना में भर्ती होते देखने का सपना देखा था। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने बेटे को पढ़ाई के लिए जोधपुर भेजा, लेकिन आज बेटे के इलाज का खर्च उठाना भी मुश्किल हो रहा है।

हालत स्थिर, लेकिन एक हाथ और पांव में हलचल नहीं

चचेरे भाई सुमेर सिंह ने बताया कि ओम की हालत स्थिर है, लेकिन दाएं हाथ और पांव में कोई हलचल नहीं है। सिर में अंदरूनी चोट गंभीर है, ऐसी स्थिति में चिकित्सक ऑपरेशन नहीं कर पा रहे है। डॉक्टर भी आश्वस्त नहीं हैं कि वह कब तक ठीक हो पाएगा।

जैसे-तैसे चल रहा है घर का कामकाज

ओमसिंह के पिता स्वरूप सिंह ने बताया कि बड़ा बेटा रावल सिंह (22) महाराष्ट्र में काम करता था, लेकिन वहां उसकी तबीयत खराब हो गई। उसके इलाज में काफी पैसे खर्च हुए। अब दूसरा बेटा जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। जमा-पूंजी सब खत्म हो गई है, और अब जैसे-तैसे घर का खर्च चलाने की कोशिश कर रहे हैं।


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