यह जानकारी सोमवार को जस्टिस संगीतराज लोढा व जस्टिस डॉ. वीरेन्द्र कुमार माथुर की खंडपीठ में मेहरानगढ हादसे के मद्देनजर याचिकाकर्ता मानाराम की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई में सरकार की ओर से दी गई। इसके बाद ही हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा तय होगी। गौरतलब है कि मेहरानगढ़ दुखांतिका परिवार मंच के सचिव मानाराम कडे़ला की ओर से अधिवक्ता विजय मेहता के माध्यम से दायर इस याचिका की पिछली सुनवाई २१ मार्च को जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास की खंडपीठ में हुई थी। जिसमें उन्होंने राज्य सरकार से चोपड़ा आयोग की रिपोर्ट सरकार को पेश किए जाने के बाद की कार्यवाही के बारे में जानकारी पेश करने अथवा राज्य के मुख्य सचिव को हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे।
सोमवार को याचिका की सुनवाई कोर्ट संख्या तीन में जस्टिस संगीत लोढ़ा की खंडपीठ में सूचीबद्ध हुई, जिसमें प्रदेश के गृह सचिव मनीष चौहान, एएजी पृथ्वीराज सिंह जोधा व उनके सहयोगी दिनेश ओझा के साथ पेश होकर सरकार का जवाब पेश किया। उन्होंने बताया कि जवाब की प्रति रजिस्ट्री में पेश कर दी गई है। खंडपीठ ने जवाब को रिकॉर्ड पर लेने के आदेश दिए। साथ ही, याचिकाकर्ता से जवाब का रिजॉइंडर पेश करने को कहा। इस पर अधिवक्ता मेहता ने समय दिए जाने की मांग की तो खंडपीठ ने अगली सुनवाई २३ अप्रेल को तय करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए दस सूत्री जवाब में हालांकि मेहरानगढ़ दुखांतिका के बाद सरकार की ओर से न्यायिक जांच आयोग का गठन करने, हादसे के बाद डिजास्टर मैनेजमेंट व रिलीफ डिपार्टमेंट से मृतकों के परिजनों को ५-५ लाख की एक्सग्रेशिया सहायता देने सहित पीडि़त परिवारों, उनके बच्चों की शिक्षा, विवाह आदि में सहायता देने का उल्लेख किया है। वहीं सबसे बड़ा जिक्र यह है कि हाईकोर्ट के पिछले आदेश के बाद १४ अप्रेल २०१८ को मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन करते हुए आयोग की रिपोर्ट का परीक्षण करने व उसके बाद उससे सम्बंधित अभिशंषा केबिनेट सचिवालय को भेजने के आदेश दिए हैं।
वर्ष २०११ में गठित किया था मेला प्राधिकरण सरकार की ओर से पेश जवाब के सातवें बिंदु में यह बताया गया कि सरकार ने ७ नवम्बर २०११ को पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में एक २१ सदस्यीय राजस्थान स्टेट फेयर अॅथोरिटी का गठन किया था। जिसके तहत सात उप नियम बनाते हुए राज्यभर में लगने वाले मेला प्रबंधन को सूचना भेजी थी। अब तक ४२ मेला प्रबंधनों ने मेला प्राधिकरण में पंजीकरण कराया है। सरकार ने एेसे १०२ मेलों का भी सर्वे कराया था, जिसमें एक लाख अथवा इससे अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं। इन सभी मेलां में प्राधिकरण के नियमानुसार मेलों का आयोजन करने की हिदायत दी गई। जिससे किसी तरह की भगदड़ अथवा दुर्घटना ना हो।
—— ३० सितम्बर २००८ को मेहरानगढ में मची थी भगदड़
२१६ युवकों की हुई थी अकाल मृत्यु
०८ मई २०११ को सौंपी थी चोपड़ा कमिशन की रिपोर्ट
२०११ में गठित किया था मेला प्राधिकरण
१४ अप्रेल २०१८ को बनाई मंत्रिमंडलीय उप समिति
२१६ युवकों की हुई थी अकाल मृत्यु
०८ मई २०११ को सौंपी थी चोपड़ा कमिशन की रिपोर्ट
२०११ में गठित किया था मेला प्राधिकरण
१४ अप्रेल २०१८ को बनाई मंत्रिमंडलीय उप समिति