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आखिरकार हुआ ऐतिहासिक फैसलाः प्री वेडिंग शूट पर प्रतिबंध, बेटी के जन्म पर मनाया जाएगा उत्सव

बैठक में समाज सुधार के विभिन्न मुद्दों पर मंथन कर प्रस्ताव पास किए गए।

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जोधपुर। देशभर में माहेश्वरी समाज में विवाह से पूर्व होने वाले प्री वेडिंग शूट नहीं होंगे व इन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा के तीसवें नवीन सत्र की प्रथम राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन यह सर्वसहमति से यह निर्णय किया गया। सभापति संदीप काबरा ने बताया कि आज की युवा पीढी में विवाह से पूर्व प्री वेडिंग शूट कराने का क्रेज देखा जा रहा है, जो समाज व युवा पीढी के लिए विघटनकारी है, इससे संस्कृति का हृास होता है। बैठक में समाज सुधार के विभिन्न मुद्दों पर मंथन कर प्रस्ताव पास किए गए।

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सदन में खुलीचर्चा में सदस्यों ने समाज हित में विचार प्रस्तुत किए। अर्थमंत्री राजकुमार काल्या द्वारा आय-व्यय खाता सदन में प्रस्तुत किया गया। ए.बी.एम.एम. रिलीफ फाउण्डेशन के आर.एल. काबरा ने ट्रस्ट व अयोध्या में बनने वाले शौर्यभवन की प्रगति से सम्बन्धित जानकारी दी। वहीं विशेषज्ञों ने पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन से युवाओं को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी रूचि के अनुसार कार्य करने व उद्योग लगाने की जानकारी दी । बच्चों के बौद्धिक विकास पर भी चर्चा की गई।

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ये थे मौजूद

बैठक में निवर्तमान सभापति श्याम सुन्दर सोनी, पूर्व सभापति रामपाल सोनी, महामंत्री अजय काबरा, संगठन मंत्री प्रवीण सोमानी, प्रदेश अध्यक्ष रतनलाल डागा, जिलाध्यक्ष पुरूषोतम मून्दड़ा, गोपी किशन मालाणी, नन्दकिशोर शाह के साथ दक्षिणान्चल, पूर्वान्चल, उत्तरान्चल व मध्यान्चल के उपसभापति, संयुक्त मंत्री के साथ महिला संगठन व युवा संगठन के पदाधिकारी और कार्यसमिति के सदस्य उपस्थित थे।


यह प्रस्ताव भी पास किए गए

- आडम्बर विहीन सामाजिक एवं वैवाहिक कार्यक्रम: समाज के वैवाहिक कार्यक्रमों में आडम्बर व फिजुलखर्च पर बढ़चढ़ कर खर्चे हो रहे हैं, जिससे मध्यम वर्ग भी देखा-देखी में खर्चे किए जा रहे है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। आडम्बर विहीन सामाजिक वैवाहिक कार्यक्रम करने का प्रस्ताव पास किया।


- कन्या के जन्म को उत्सव के रूप में मनाना: कन्या के जन्म पर उसको तीज-त्योहार, होली-दीपावली की तरह उत्सव के रूप में थाली बजाकर मिठाई बांटकर, बधाई देकर मनाने का निर्णय लिया।


- दाम्पत्य जीवन में तनाव व तलाक: जिला स्तर पर विशेषज्ञों की ओर से काउंसलिंग कराई जाएगी। जिससे हम तलाक लेने वाले जोड़ों को ठीक से मोटिवेट कर, दाम्पत्य जीवन में आने वाले तनाव व तलाक के कारणों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।