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संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए जब संस्कृत में छपवाया विवाह का निमंत्रण पत्र

locationजोधपुरPublished: Sep 17, 2022 10:30:48 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्कफलोदी. उपखण्ड के बावड़ी कलां गांव के राजपुरोहित परिवार ने संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने, प्रचार-प्रसार करने तथा आमजन को संस्कृत से जोडऩे के लिए एक अनूठी पहल की थी।

sanskrit card

फलोदी. संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए विवाह का निमंत्रण पत्र संस्कृत में छपवाया

यहां परिवार के पुत्र के विवाह का पूरा निमंत्रण पत्र संस्कूत भाषा में छपवाया गया था। जिसमें विवाह संबंधी सभी कार्यक्रम पूर्णरूप से संस्कृत भाषा में लिखे गए थे।
बावड़ी कलां निवासी उम्मेदसिंह के पुत्र किशन सिंह का विवाह काफी चर्चा में रहा था क्यूंकि शादी का कार्ड संस्कृत में छपवाया गया था। किशन सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय से संस्कृत में एमए, नेट जेआरफ व एमफिल कर रखा है और वो एक व्याख्याता है। साथ ही उनके भाई व्यवसायी भंवरसिंह व व्याख्याता सवाई सिंह राजपुरोहित संस्कृत के प्रचार-प्रसार में लगे हुए है। उन्होंने संस्कृत भाषा को लोगों के दैनिक जीवन में उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विवाह का निमंत्रण पत्र संस्कृत भाषा में छपवाया। निमंत्रण पत्र में विवाह संबंधित कार्यक्रमों के लिए विनायक पूजनम्, घृतपानम्, वृन्दोली, वरयात्रा प्रस्थानम्, पाणिग्रहणसंस्कार:, प्रीतिभोज: तथा निमंत्रणस्थलम्, जामातार:, मातामहपक्ष:, स्वागतोत्सुक: अस्मदीय: कुटुम्ब:, वयमपि प्रतीक्षामहे भवतां स्वागताय: आदि शब्दों का प्रयोग किया गया था। यह निमंत्रण पत्र लोगों के लिए काफी चर्चा का विषय बना। (कासं)
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