भाजपा नेताओं द्वारा विवि पर दबाव डालने का आरोप
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिनेश परिहार और छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी का कहना है कि एबीवीपी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मूल सिंह सहित अन्य बीजेपी नेताओं के दबाव में 22 सितम्बर को विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी खुले में मूल सिंह की आपत्तियां सुनेगी, जो गलत है।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष दिनेश परिहार और छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी का कहना है कि एबीवीपी अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मूल सिंह सहित अन्य बीजेपी नेताओं के दबाव में 22 सितम्बर को विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल कमेटी खुले में मूल सिंह की आपत्तियां सुनेगी, जो गलत है।
इसके विरोध में शनिवार को विश्वविद्यालय बंद किया जाएगा। परिहार ने शंभु सिंह खेतासर, विधायक बाबूसिंह राठौड़, जेडीए अध्यक्ष महेंद्र सिंह राठौड़ सहित अन्य भाजपा नेताओं द्वारा विवि पर दबाव डालने का आरोप लगाया।
एबीवीपी जता चुकी है विरोध
जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह राठौड़ के 9 मतों से हारे जाने व करीब 5 सौ मतों को खारिज किए जाने पर उपजे विवाद के चलते 14 सितंबर को एबीवीपी की ओर से विवि बंद का आह्वान किया गया था।
जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी के प्रत्याशी मूल सिंह राठौड़ के 9 मतों से हारे जाने व करीब 5 सौ मतों को खारिज किए जाने पर उपजे विवाद के चलते 14 सितंबर को एबीवीपी की ओर से विवि बंद का आह्वान किया गया था।
इसके तहत एबीवीपी और मूलसिंह के समर्थकों ने विवि का मुख्य द्वार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। विवि प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए समर्थकों ने वोटिंग के दौरान धांधली का आरोप लगा कर जांच करवाने की मांग की।
इससे पहले एक प्रेस सम्मेलन में मूल सिंह ने आरोप लगाया कि विवि प्रशासन ने जानबूझकर उसके हिस्से के मतों को खारिज कर हराया है। विवि के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रो. अवधेश शर्मा और पीआरओ रामनिवास ग्वाला ने मतगणना को प्रभावित किया है।
मूलसिंह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। साथ ही वे विवि की ग्रीवेंस रिड्रेसल सैल को मतगणना पर आपत्ति देने व कार्रवाई नहीं होने पर न्यायालय जाने की बात कही। पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आनंद सिंह भी उनके साथ थे।
मूल सिंह ने कहा मतगणना कक्ष में कांग्रेसी विचारधारा के अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी थी। मतगणना के लिए केवल विज्ञान संकाय के शिक्षकों को लगाया गया। अधिक मत खारिज होने पर दूसरे राउण्ड से ही आपत्ति करनी शुरू कर दी लेकिन विवि ने ध्यान नहीं दिया।
आनंद सिंह ने आरोप लगाया कि छात्रों ने एपेक्स अध्यक्ष पद के लिए कुल 9936 वोट डाले, लेकिन गिनती में 25 वोट पहले से ही गायब थे। कुल 9911 वोटों में से 564 मत खारिज किए गए।
पुनर्मतगणना में मूल सिंह ने एनएसयूआई प्रत्याशी सुनील चौधरी के 83 वोट पर आपत्ति की लेकिन 26 वोट ही खारिज माने गए और शेष वापस जोडकऱ सुनील को 9 वोट से जीता दिया। पत्रकार वार्ता में मौजूद छात्र नेताओं ने एनएसयूआई कार्यकत्र्ताओं की उस फेसबुक पोस्ट्स पर भी सवालिया निशान खड़े किए जिस पर रात 9.30 बजे ही सुनील चौधरी के 9 वोट से जीतने पर बधाइयां दी गई थी, जबकि परिणाम रात 2 बजे घोषित किया गया। मतगणना कक्ष में मोबाइल की अनुमति नहीं थी, लेकिन मतगणना कक्ष के फोटो सोशियल मीडिया पर वायरल हो रहे थे।